Pushyabhishek of Lord Ganesha with 351 kg of Panchamrit | मोतीडूंगरी गणेश का 351 किलो पंचामृत…

जयपुर में मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में आज भगवान का पंचामृत से पुष्याभिषेक किया गया। 351 महिलाएं कलशयात्रा लेकर पहुंची, जिसके जल से भगवान श्रीगणेश का अभिषेक हुआ। भक्तों को रक्षा सूत्र और हल्दी प्रसाद बांटा गया।
.
भगवान का ध्वज पूजन भी किया गया। मंदिर के शिखर पर नवीन झंडे धारण करवाए गए। मोती डूंगरी के अलावा अन्य गणेश मंदिरों में भी भगवान श्रीगणेश की मनुहार की गई। बता दें कि मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव के तहत 9 दिन अलग-अलग कार्यक्रम होंगे।
पुष्य नक्षत्र के मौके पर मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया- मंदिर में अथर्व शीर्ष के पाठों से प्रथम पूज्य श्रीगणेश को मोदक अर्पित किए। भक्तों ने गणपति स्त्रोत, गणपति अष्टोत्तरशत नामावली पाठों से भगवान गणेश की विशेष पूजा की गई। जन्मोत्सव के तहत पुष्य नक्षत्र पर भगवान श्री गणेश का 251 किलोग्राम दूध, 25 किलोग्राम बूरा, 50 किलोग्राम दही, 11 किलोग्राम शहद और 11 किलोग्राम घी से पंचामृत अभिषेक किया गया।
भगवान गणेश का 251 किलो दूध से अभिषेक किया गया।
ध्रुपद और कत्थक कार्यक्रम कल से
कल 22 अगस्त की शाम 7 बजे मंदिर परिसर में ध्रुपद गायन कार्यक्रम होगा। अगले तीन दिन यानी 23, 24 व 25 अगस्त की शाम को कत्थक नृत्य का कार्यक्रम होगा।
सिंजारा और मेहंदी पूजन 26 अगस्त को
जन्मोत्सव के इस कार्यक्रम में 26 अगस्त को प्रथम पूज्य का सिंजारा मनाया जाएगा। मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर के महंत कैलाश शर्मा के सानिध्य में इस दिन गणेश जी को 3100 किलो मेहंदी धारण कराई जाएगी। ये मेहंदी पाली के सोजत से मंगवाई जाएगी। मेहंदी धारण के बाद इसे श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा।
मेंहदी प्रसाद वितरण की व्यवस्था मंदिर परिसर में पांच स्थानों पर होगी। मेहंदी वितरण पूजा के बाद रात्रि 7:30 बजे से किया जाएगा। महिला एवं कन्याओं के लिए डोरा एवं मेहंदी की व्यवस्था अलग पंक्ति में होगी। मनोती सूत्र महिलाएं एवं पुरुष मंदिर में बांध सकते हैं। इसी दिन भक्ति संध्या व रात्रि जागरण का आयोजन भी होगा। शयन आरती 10 बजे होगी।
अभिषेक से पहले 351 महिलाएं माथे पर कलश लेकर मंदिर पहुंची।
चांदी के सिंहासन पर विराजेंगे गणपति, धारण करेंगे स्वर्ण मुकुट
26 अगस्त को भगवान गणेश जी महाराज का विशेष श्रृंगार होगा। भगवान को स्वर्ण मुकुट भी धारण करवाया जाएगा। यह मुकुट साल में सिर्फ एक बार गणेश चतुर्थी के दिन ही भगवान को धारण कराया जाता है। भगवान को विशेष पोशाक धारण करवाई जाएगी। चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे। श्रृंगार के दौरान गणेश जी को नौलखा हार जिसमें मोती, सोना, पन्ना, माणक आदि के भाव स्वरूप दर्शाए गए हैं, धारण कराया जाएगा। यह नौलखा हार महंत परिवार ने तीन महीने में तैयार किया है।
27 अगस्त को जन्मोत्सव, 28 अगस्त को शोभायात्रा
27 अगस्त को जन्मोत्सव के दिन मंदिर परिसर में दर्शन सुबह चार बजे मंगला आरती के साथ शुरू हो जाएंगे। इसके बाद विशेष पूजन सुबह 11.20 बजे, श्रृंगार आरती 11.30 बजे, भोग आरती दोपहर 2. 15 बजे, संध्या आरती शाम 7 बजे और शयन आरती रात्री 11.30 बजे होगी।
28 अगस्त को भगवान श्री गणेश नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान मोती डूंगरी गणेश मंदिर से भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। ये शोभा यात्रा शाम को मोती डूंगरी मंदिर से निकलकर एमडी रोड, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, गणगौरी बाजार, नाहरगढ़ रोड होते हुए गढ़ गणेश मंदिर तक पहुंचेगी