Olympian Sushil Kumar Surrenders in Rohini Court After Supreme Court Cancels Bail in Sagar…

पहलवान सुशील कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में शाम को सरेंडर कर दिया है।
हरियाणा के दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार शाम दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वह जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियन सागर धनखड़ हत्या मामले में आरोपी हैं।
.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट का 4 मार्च का जमानत आदेश रद्द कर दिया और मृतक सागर के पिता अशोक धनखड़ की याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने सुशील कुमार को 7 दिन के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया था।
सागर धनखड़ की हत्या संपत्ति विवाद के चलते हुई मारपीट में हुई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, सागर की मौत सिर पर गंभीर चोट लगने से हुई थी। कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार शाम करीब 5 बजे सुशील कुमार अपने साथ लगभग 40 पहलवानों के साथ कोर्ट पहुंचे। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने पूरी घटना की वीडियोग्राफी करवाई। इसके बाद सुशील कुमार को जेल भेज दिया गया।
इस फैसले पर मृतक सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ ने संतोष जताते हुए कहा कि “कोर्ट के इस फैसले से हमारी इज्जत बच गई है।”
सागर धनखड़ के पिता और माता
कोर्ट के फैसले पर सागर के पिता ने कही 3 अहम बातें..
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मिली राहत: सागर के पिता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वे काफी खुश हैं और वह इसे एक अच्छा फैसला मानते हैं। उनका मानना है कि इससे उन्हें जल्द न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि चार साल से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन अब उन्हें लगता है कि केस में सुनवाई आगे बढ़ेगी और न्याय मिलेगा।
- फैसले में सख्ती की मांग: सागर के पिता ने अपनी मांग जताई कि जो भी फैसला हो, वह जल्द से जल्द सुनाया जाए। उन्होंने कहा कि केस को बंद किया जाए और आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी इच्छा है कि आरोपी को फांसी की सजा मिले।
- मामले की धीमी प्रक्रिया पर चिंता: उन्होंने बताया कि सुशील कुमार कभी खापों से फोन करवा रहा है, कभी महापंचायत बुला रहा है और कभी राजीनामा के लिए रिश्तेदारों से फोन करवा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सुनवाई लगातार हो रही है, गवाही भी चल रही है, लेकिन प्रक्रिया काफी धीमी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 6 हियरिंग के बाद फैसला लिया है।
सागर धनखड़ (फाइल फोटो)
दिल्ली हाईकोर्ट से मिली थी जमानत: दिल्ली हाईकोर्ट ने पहलवान सागर हत्याकांड के आरोपी रहे सुशील कुमार को 5 महीने पहले शर्त के आधार पर जमानत दी थी। सागर धनखड़ के चाचा नरेंद्र ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सुशील को दी गई जमानत के खिलाफ दो दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद जमानत को रद्द कर एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने के आदेश दिए थे।
4 साल से तिहाड़ जेल में बंद था: जानकारी के मुताबिक सुशील कुमार जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में 4 साल से तिहाड़ जेल में बंद था। 5 महीने पहले हाईकोर्ट ने उसे 50 हजार के बॉन्ड और इतनी ही राशि के जमानतदारों की गारंटी पर रिहा किया था। इस फैसले पर मृतक सागर धनखड़ के परिवार ने नाराजगी जताई थी। सागर के माता-पिता लगातार सुशील के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और उनकी मांग है कि बेटे की हत्या का बदला केवल फांसी हो।
2021 में हुआ था हमला: सुशील कुमार पर आरोप है कि उसने 2021 में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में सागर धनखड़ और उसके दो दोस्तों पर जानलेवा हमला किया था, जिसमें सागर की मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि यह हमला युवा पहलवानों में वर्चस्व और प्रॉपर्टी विवाद के कारण हुआ था।
सर्जरी के लिए भी मिली थी अंतरिम जमानत: जुलाई 2023 में सर्जरी के लिए भी सुशील को 7 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। रोहिणी कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस दौरान उसके साथ 24 घंटे 2 सुरक्षाकर्मी रहेंगे। यह जमानत 23 जुलाई से 30 जुलाई तक के लिए थी, जिसके लिए सुशील कुमार को 1 लाख का निजी बॉन्ड भी भरना पड़ा था।