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Situation of conflict between commission and government regarding civic elections | निकाय चुनाव…

राजस्थान में शहरी निकायों के चुनावों को लेकर सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच टकराव के हालात बन गए हैं। दोनों अलग अलग राय सामने आ रही है। राज्य निर्वचन आयुक्त की दो महीने में चुनाव करवाने की घोषणा के बाद अब यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खरा ने कहा है कि

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राज्य निर्वाचन आयोग के सप्ताह भर में चुनाव कार्यक्रम जारी करने के सवाल पर खरा ने कहा कि आयोग कार्यक्रम जारी कर देगा तो उसके मुताबिक देखेंगे। जो कुछ हमें करना होगा वह हम करेंगे, आयोग को जो करना है वो आयोग करेगा। खरा जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

खरा ने कहा कि हाईकोर्ट ने छह महीने के अंदर चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं। हम तो दिसंबर में सभी निकायों के एक साथ चुनाव करवाने की बात कर रहे हैं, हाईकोर्ट के आदेशों के हिसाब से हमारे पास फरवरी तक का समय है, फरवरी में छह महीने पूरे होते हैं, हम तो दिसंबर में ही करवा देंगे। हाईकोर्ट के आदेशों की हमने प्रमाणित प्रति मंगवाई है, प्रमाणित प्रति मिलने के बाद उचित कदम उठाने होंगें। राज्य निर्वाचन आयोग के दो बयान आए हैं, पहला बयान आया कि दो तीन दिन में कार्यक्रम की घोषणा कर देंगे, फिर कहा कि दो महीने में करेंगे।

दिसंबर में साथ चुनाव करवाने में कोई कानूनी अड़चन नहीं, परिसीमन की अधिसूचना सप्ताह भर में

खरा ने कहा कि दिसंबर 2025 में हम वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत चुनाव करवाने में कोई विधिक अड़चन नहीं है। वार्ड परिसीमन पूरा हो चुका है। एक दो दिन में पत्रावली भेज देंगे, परिसीमन की अधिूसूचना एक दो दिन में जारी हो जाएगी, ज्यादा वक्त लगा तो एक सप्ताह में जारी हो जाएगी।

खरा ने माना— पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव एक साथ करवाने में दिक्कत पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव एक साथ होने में दिक्कत की बात को खरा ने भी माना है। खरा ने कहा कि पंचायत राज के चुनावों में सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है कि उनकी अवधि अलग अलग है। कुछ पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल 2027 में खत्म हो रहा है, कुछ का 2026 में खत्म हो रहा है। इसे लेकर मंथन चल रह है कि एक साथ चुनाव कैसे हो? उम्मीद है कि एक साथ चुनाव में जो संभव हो सकेगा किया जाएगा।

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