6 slums in Dungarpur got big relief | डूंगरपुर में 6 कच्ची बस्तियों को मिली बड़ी राहत: 50 साल…

नगर परिषद डूंगरपुर ने बुधवार को शहर की 6 कच्ची बस्तियों का 50 साल बाद डी नोटिफिकेशन किया है।
नगर परिषद डूंगरपुर ने बुधवार को शहर की 6 कच्ची बस्तियों का 50 साल बाद डी नोटिफिकेशन किया गया है। शहर के पातेला अम्बामाता, बांसडवाडा कॉलोनी, कालिका माता घाटी, रामपुर, नवाडेरा और विजयगंज कॉलोनी के लिए डी नोटिफिकेशन का आदेश जारी हो चुके है।
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इन आदेशों के तहत अब इस कॉलोनी और मोहल्ले में निवासरत सभी लोगों को नगर परिषद और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकेंगा।
सभापति अमृत कलासुआ ने बताया कि देश की आजादी से पहले इन कच्ची बस्ती पर लोग कच्चा पक्का मकान बनाकर रह रहे थे। आजादी के बाद नगर पालिका और नगर परिषद बोर्ड के गठन में इन 6 कच्ची बस्ती को स्वायत शासन विभाग ने नोटिफिकेशन कर रखा था। इसके कारण यहां पर पट्टा जारी करने, सड़क, बिजली, रोशन सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए तकनीकी समस्या आ रही थे।
इन 6 कच्ची बस्ती से जुड़े पार्षद लम्बे समय से प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, सुविधाघर, सामुदायिक भवन, खाद्य सुरक्षा, बैंक लोन सहित कई योजनाओं से वंचित चल रहे थे। तकनीकी रूप से लोगों के पास उनके मकान या जमीन के पट्टे नहीं थे। इस समस्या को लेकर लम्बे समय से संघर्ष चल रहा था।
इसी को देखते हुए नगर परिषद के भाजपा बोर्ड ने इसे प्रमुखता से रखते हुए डी नोटिफिकेशन प्रणाली की शुरुआत की। इसके लिए जयपुर स्वायत शासन विभाग कार्यालय में संपर्क किया। सभापति अमृत कलासुआ और नगर परिषद अधिकारी की टीम जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने स्वायत शासन मंत्री झाबरमल खर्रा से वार्ता कर समस्या समाधान के निर्देश दिए।
मंत्री खर्रा ने तकनीकी समस्या का समाधान का रास्ता बताया। इसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने 6 कच्ची बस्ती का सर्वे कराकर जयपुर मुख्यालय तक रिपोर्ट दी। रिपोर्ट के आधार पर नगर परिषद की साधारण सभा में सभी पार्षदों की सहमति के बाद डी नोटिफिकेशन का प्रस्ताव लिया। इस प्रस्ताव पर शहर के 40 पार्षदों से एकमत से सहमति जताई। आयुक्त प्रकाश डूडी ने डी नोटिफिकेशन की कार्रवाई पूरी कर दी।
6 कच्ची बस्ती के लोग भू उपयोग परिवर्तन का लाभ ले सकेंगे
शहर में इन 6 कच्ची बस्ती में अधिकांश लोग आजादी से पहले निवासरत हैं। उनकी पैतृक जमीन के दस्तावेज के आधार पर वे पट्टे के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा इन बस्ती में आवासीय से वाणिज्य भू उपयोग परिवर्तन का नियमानुसार लाभ मिल सकेंगा। जिससे छोटे-मोटे व्यापारी को उसका लाभ मिल सकेंगा। इसके अलावा नए बिजली कनेक्शन, पेयजल कनेक्शन में अब एनओसी के लिए परेशान नही होना पडे़गा। उनके पट्टे के आधार पर सीधे एनओसी जारी होगी।
शहरी विकास और बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा
डी-नोटिफिकेशन के बाद क्षेत्र में भूमि के वर्तमान उपयोग को बदलकर उसे अन्य विकास के कार्य के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का अधिकार मिल जाएगा। भूमि के उपयोग को बदलकर उस क्षेत्र में नई आवासीय कॉलोनियों, स्कूल, अस्पताल और अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित हो सकेंगी। जिससे पूरे क्षेत्र का समग्र विकास होगा। इसके अलावा इन कच्ची बस्ती में व्यापार और वाणिज्य जैसी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। जिससे स्थानीय लोगों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। वहीं, नगर परिषद इस क्षेत्र सड़क, सीवरेज, बिजली सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए आराम से कार्य कर सकेंगी।