Russia Slams US Pressure on India Over Russian Oil Imports | रूस बोला- हमारे कच्चे तेल का कोई…

नई दिल्ली9 मिनट पहले
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रूस ने कहा हमें विश्वास है कि बाहरी दबाव के बावजूद भारत-रूस ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा।
रशियन ऑयल खरीदने के चलते भारत पर बनाए जा रहे अमेरिकी दबाव को रूस ने गलत बताया है। सीनियर रूसी डिप्लोमेट रोमन बाबुश्किन ने कहा- भारत इस बात को समझता है कि तेल आपूर्ति को बदलने का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि रूसी तेल भारत के लिए बहुत फायदेमंद है।
भारत के लिए रूसी कच्चे तेल पर डिस्काउंट लगभग 5% है। रोमन बाबुश्किन ने कहा- भारत के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, लेकिन हमें भारत के साथ अपने संबंधों पर विश्वास है। हमें विश्वास है कि बाहरी दबाव के बावजूद भारत-रूस ऊर्जा सहयोग जारी रहेगा।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के दूतावास ने ये भी कहा कि “अगर भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में नहीं जा सकते, तो वे रूस की तरफ जा सकते हैं।
दरअसल, अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के चलते 50% टैरिफ लगाया है। इससे अमेरिका में भारत के सामान महंगे हो जाएंगे।
अमेरिका बोला-भारत पर प्रतिबंध का मकसद रूस पर दबाव बनाना
अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट ने इस बात की जानकारी दी। इससे पहले तक ट्रम्प प्रशासन रूस से तेल लेने पर भारत के खिलाफ की गई आर्थिक कार्रवाई को पैनल्टी या टैरिफ बताता रहा है।
ट्रम्प ने भारत पर अब तक कुल 50 टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है। रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो गया है, जबकि पेनल्टी 27 अगस्त से लागू होगी। लीविट के मुताबिक इसका मकसद रूस पर सेकेंडरी प्रेशर डालना है, ताकि वह युद्ध खत्म करने पर मजबूर हो।
रूस से तेल खरीदने पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने इससे जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए थे। यह आदेश 27 अगस्त से लागू होगा। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा गया है कि रूसी तेल खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है।
इससे पहले उन्होंने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लगेगा।
सस्ते रूसी तेल से भारतीय तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ा
वित्त वर्ष 2020 में भारत अपनी जरूरत का केवल 1.7% तेल रूस से आयात करता था। ये हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 35.1% हो गई है। रूस से सस्ता तेल खरीदने का फायदा ऑयल कंपनियों के मुनाफे पर भी दिखा है। कंपनियों की फाइलिंग के मुताबिक…
- 2022-23 में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का कुल मुनाफा ₹3,400 करोड़ था।
- 2023-24 में इन तीनों सरकारी कंपनियों का मुनाफा 25 गुना बढ़ गया। तीनों ने मिलकर 86,000 करोड़ रुपए कमाए।
- 2024-2025 में इन कंपनियों का मुनाफा कम होकर 33,602 करोड़ रुपए हो गया, लेकिन ये 2022-23 के मुनाफे से ज्यादा है।