राष्ट्रीय

Allahabad High Court Abbas Ansari hate speech case Mukhtar Ansari | मुख्तार के बेटे अब्बास की…

1 जून, 2025 को यूपी विधानसभा सचिवालय ने अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म कर दी थी।

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को हेट स्पीच केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को कोर्ट ने मऊ की MP/MLA कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें अब्बास को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। लीगल एक्सपर्ट का कहना है कि अब अब्बास की विधायकी ब

.

मामला 2022 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। इस दौरान एक चुनावी रैली में अब्बास ने कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर होगा।

इसके बाद शहर कोतवाली में हेट स्पीच की FIR दर्ज हुई थी। 31 मई को मऊ की MP/MLA कोर्ट ने अब्बास को इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई। कोर्ट का आदेश जारी होने के 24 घंटे के भीतर फाइल मऊ से लखनऊ पहुंची। फिर रविवार को विधानसभा सचिवालय खोलकर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई और सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया।

अब्बास के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने बताया- 17 जुलाई को सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हमारी मांगों को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और सजा पर रोक लगा दी। मामले में कुल 5 सुनवाई हुईं। 13 अगस्त को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

उन्होंने कहा कि हमने दलील दी थी कि भाषण की सामग्री से किसी भी तरह का आपराधिक केस नहीं बनता। जिन धाराओं में सजा हुई, वे उचित नहीं थीं। यह अधिकतम आचार संहिता के उल्लंघन का मामला हो सकता था, जिसे अनावश्यक रूप से क्रिमिनल केस में बदल दिया गया।

तस्वीर 31 मई की है। सजा के ऐलान के बाद अब्बास कोर्ट से जाने लगे तो पुलिसकर्मी ने उन्हें रोककर कहा था- जिले का बॉर्डर क्रॉस मत कीजिएगा।

अब हेट स्पीच का पूरा मामला समझिए…

बात 3 मार्च, 2022 की है। अब्बास ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी रैली की। इसमें कहा- यहां पर जो आज डंडा चला रहे हैं। अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कहकर आया हूं। सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी। जो हैं, वह यहीं रहेगा। जिस-जिस के साथ जो-जो किया है, उसका हिसाब किताब यहां देना पड़ेगा।

इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने तब अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगा दी थी। 4 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी। इसमें अब्बास, उनके छोटे भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था।

अब्बास अंसारी 31 मई को कोर्ट पहुंचे थे। काफी देर तक उन्हें लाइब्रेरी में बैठाए रखा गया था।

इन पर IPC की धाराएं- 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोक सेवक को बाधित करना), 189 (लोक सेवक को धमकाना), 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य) और 120B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं।

अब्बास का वह वीडियो देखिए, जिस पर उन्हें दोषी ठहराया गया था…

कोर्ट ने कहा था- लोकसेवा में भड़काऊ भाषण की कोई जगह नहीं 31 मई को मऊ कोर्ट ने अब्बास के साथ उनके चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी को भी इस मामले में 6 महीने की सजा सुनाई गई थी। दोनों पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि, अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया था।

जस्टिस डॉ. केपी सिंह ने कहा था- राजनीतिक क्षेत्र जैसी लोकसेवा में भड़काऊ भाषण की कोई जगह नहीं है। यह तब और गंभीर हो जाता है, जब आशय धर्म के आधार पर अव्यवस्था कर चुनाव को डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट रूप से प्रभावित करने की हो।

सजा होने के बाद कुछ देर बाद ही अब्बास और मंसूर ने 20-20 हजार के बेल बॉन्ड भरकर जमानत ले ली थी। इसके बाद अब्बास घर जाने लगे तो पुलिस कर्मी ने उनकी कार रुकवा ली थी। कहा था- आधे घंटे रुक जाइए। इस पर अब्बास ने कहा था- सुबह से भूखे हैं, खाना खाने के बाद आ जाऊंगा। पुलिसकर्मी ने जवाब दिया- जिले का बॉर्डर क्रॉस मत करिएगा। अब्बास ने पलटकर जवाब दिया था- हम खुद ही फंसे हैं, अब क्या और फंसने का काम करेंगे?

ताऊ की सांसदी गई थी, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

यह तस्वीर अब्बास अंसारी के ताऊ अफजाल अंसारी की है।

गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 1 मई, 2023 को मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई थी। हालांकि, 13 दिसंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर रोक लगा दी थी।

———————–

ये खबर भी पढ़िए-

फौजी की मां बोली- पिता के सामने कसाई जैसा मारा: मेरठ में कार में झटपटाते रहे; जो बचाने आया उसके भी सिर फोड़ दिए

‘मेरे बेटे कपिल की क्या गलती थी। उसने केवल ये कहा था कि मुझे जाने दो। गुंडों ने उसे बुरी तरह पीटा। उसके पिता कार के अंदर बंद थे। वह अंदर ही छटपटाते रहे। पिता के सामने बेटे को गुंडों ने कसाइयों की तरह मारा। वह तो मेरे बेटे को मार डालते। जो बचाने गए, उसके सिर भी फोड़ दिए। बेटे का पूरा शरीर खून से सना था।’ ये कहना है मेरठ की सुनीता का, जिनके बेटे सेना के जवान कपिल को भूनी टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों ने जमकर पीटा। पढ़िए मां की पूरी बातचीत…

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button