Nuclear Bomb: क्या पाकिस्तान फिर करेगा परमाणु बम का टेस्ट? न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नकार चुका है…

पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने हाल ही में वॉशिंगटन में कहा कि अल्लाह ने मुझे देश का रक्षक बनाया है. पाकिस्तान में जब किसी को सत्ता हथियानी होती है तो वो ऐसे ही जुमलों का इस्तेमाल करता है. इससे पहले 1958 में तत्कालीन फील्ड मार्शल मुहम्मद अयूब खान ने भी खुद को पाकिस्तान का रक्षक’ बताया था. 1977 में भुट्टो सरकार का तख्तापलट करने के बाद जनरल जिया-उल-हक ने कहा कि सर्वशक्तिमान अल्लाह की मदद से सेना को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक आसिम मुनीर के खिलाफ पाकिस्तान में भारी नाराजगी है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मुनीर पूरे पाकिस्तान को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी के तहत इस्लामाबाद अपनी पुरानी न्यूक्लियर वेपन्स एनेबल्ड टेररिज्म (NWET) नीति को फिर से एक्टिव करने की कोशिश कर सकता है.
हम आधी दुनिया को अपने साथ डुबो देंगे- मुनीर
मुनीर ने अमेरिका में कहा था कि हम एक परमाणु राष्ट्र हैं और अगर हमें लगेगा कि हम डूब रहे हैं तो हम आधी दुनिया को अपने साथ डुबो देंगे. यह बयान पाकिस्तान की कमजोर होती रणनीतिक स्थिति और ध्वस्त होती अर्थव्यवस्था को दिखाता है. कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय हमलों के खिलाफ पाकिस्तान असहाय था. उसकी परमाणु धमकी फेल हो चुकी है, ऐसे में आसिम मुनीर के पास कोई और विकल्प नहीं बचता है. वो भारत के साथ-साथ दुनिया को संदेश देना चाह रहे हैं कि परमाणु बम की धमकी झूठ नहीं है.
वहीं भारत ने साफ कर दिया है कि अब परमाणु ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक आसिम मुनीर परमाणु हथियारों का परीक्षण कर ना सिर्फ भारत को डराना चाह रहे हैं, बल्कि पाकिस्तानी अवाम को फिर से परमाणु हथियार नाम का अफीम चटाकर देशहित के नाम पर बेहोश करने की कोशिश कर सकते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान के लिए परमाणु परीक्षण करना शायद संभव नहीं होगा, ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था गर्त में है. वो अगर न्यूक्लियर टेस्ट करने की हिम्मत करता है तो तत्काल अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लग जाएंगे. ट्रंप प्रशासन के लिए भी पाकिस्तान को बचाना संभव नहीं होगा.
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