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सभी WhatsApp यूज़र्स को पता होने चाहिए ये सीक्रेट सिक्योरिटी फीचर्स! नहीं तो खतरे में पड़ सकती…

फिशिंग लिंक भेजने से लेकर सिम-स्वैप अटैक तक, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे किसी का अकाउंट खतरे में आ सकता है. अगर सुरक्षा सेटिंग्स सही समय पर सक्रिय न की गईं तो आपकी निजी जानकारी गलत हाथों में जा सकती है. अच्छी बात यह है कि WhatsApp के अंदर ही कई ऐसे टूल मौजूद हैं जिन्हें कुछ ही मिनटों में एक्टिवेट करके अकाउंट को काफी हद तक सुरक्षित बनाया जा सकता है.

सबसे पहले ज़रूरी है कि दो-स्टेप वेरिफिकेशन चालू किया जाए. यह फीचर आपके अकाउंट पर एक तरह की अतिरिक्त दीवार खड़ी कर देता है, जिसमें हर बार नए डिवाइस पर लॉग-इन करने के लिए ओटीपी के साथ-साथ छह अंकों का पिन भी डालना पड़ता है. हैकर्स के लिए यह सुरक्षा को तोड़ पाना बेहद मुश्किल बना देता है. इसके अलावा, बायोमेट्रिक लॉक यानी फिंगरप्रिंट या फेस आईडी का इस्तेमाल करना भी बेहद उपयोगी है. मान लीजिए किसी के हाथ में अचानक आपका फोन आ जाए, तब भी बिना आपकी पहचान के वह आपके चैट्स तक नहीं पहुंच पाएगा.

गोपनीयता के लिहाज़ से एक और प्रभावी फीचर है डिसअपीयरिंग मैसेजेस. इस विकल्प को ऑन करने पर चैट्स अपने आप निर्धारित समय—24 घंटे, 7 दिन या 90 दिन के बाद गायब हो जाते हैं. इससे संवेदनशील जानकारी लंबे समय तक फोन या क्लाउड पर सेव नहीं रहती और जोखिम कम हो जाता है.

इसी तरह, बैकअप पर ध्यान देना भी जरूरी है. अक्सर यह समझा जाता है कि WhatsApp चैट्स सुरक्षित हैं क्योंकि वे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं लेकिन जब वही बैकअप क्लाउड में सेव होता है तो खतरा बना रहता है. यदि आप बैकअप्स पर भी एन्क्रिप्शन चालू कर दें और मजबूत पासवर्ड सेट करें तो कोई और आपकी पुरानी बातचीत तक नहीं पहुंच सकता.

अंत में, प्रोफ़ाइल प्राइवेसी कंट्रोल्स को नज़रअंदाज़ करना गलती साबित हो सकता है. यह फीचर आपको तय करने की सुविधा देता है कि आपकी प्रोफ़ाइल फोटो, आखिरी ऑनलाइन स्थिति, ‘अबाउट’ और स्टेटस जैसी जानकारियां कौन देख पाए. अनजान लोगों से अपनी जानकारी छुपाना हमेशा बेहतर होता है क्योंकि छोटी-सी डिटेल भी गलत मकसद से इस्तेमाल की जा सकती है.

साइबर अपराधी लगातार नई तरकीबें निकालते रहते हैं लेकिन इन पांच सरल बदलावों के साथ आप अपने WhatsApp अकाउंट को कहीं अधिक मज़बूत बना सकते हैं. हर भारतीय यूज़र के लिए यह ज़रूरी है कि इन सेटिंग्स को तुरंत एक्टिव करे क्योंकि यही डिजिटल सुरक्षा और प्राइवेसी को बचाने का सबसे आसान तरीका है.

Published at : 20 Aug 2025 10:43 AM (IST)

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