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‘कांग्रेस के जोकर को देखने आते हैं लोग, गांधी नहीं Gandhy हैं’, अजय आलोक ने राहुल गांधी को लेकर…

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने मंगलवार (19 अगस्त, 2025) को सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महागठबंधन, खासकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला. उन्होंने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए उन्हें ‘नकली गांधी’ और ‘उधार के गांधी’ तक कह दिया. 

किसान के बिजली समस्या और एसआईआर पर जमकर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि BLO जो गड़बड़ी कर रहे हो, उसका करेक्टर कंप्लेंट हो. वहीं आनंद मिश्रा को लेकर कहा कि आने वालों के लिए भी और जाने वालों के लिए भी स्पष्ट मानना है, ‘आई तो लक्ष्मी और गई तो बला, स्वागत है जो भी आ रहे हैं’. 

राहुल गांधी और तेजस्वी शुभ-निशुंभ: अजय आलोक

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सत्र में चर्चा दौरान वो चुनाव आयोग को धमकी दे रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं, ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं, यह पाकिस्तान और बांग्लादेशी लैंग्वेज बोलते हैं, यह देश हित में है क्या? उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी को शुभ-निशुंभ करार दिया.

अजय आलोक ने कहा कि राहुल गांधी लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और लोगों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. देश की संवैधानिक संस्थाओं पर वे अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए घातक है. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी का असली नाम Gandhy है. उनके दादा का नाम फिरोज जहांगीर गांधी था. जब कोई व्यक्ति अपने असली नाम तक लिखने में शर्म करे तो समझ लेना चाहिए कि उसके कर्म भी जनता से छिपे हुए हैं.’

पैसे देकर भीड़ इकट्ठी करती है कांग्रेस

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी 1989 से देश की राजनीति में हाशिए पर चली गई है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के नेता कुछ रुपए पैसे देकर भीड़ इकट्ठी करते हैं, लेकिन वही भीड़ बाद में कहती है कि हम तो सिर्फ देखने आए थे. जैसे सर्कस में लोग जोकर को देखने आते हैं, वैसे ही राहुल गांधी को देखने भीड़ जुटती है, लेकिन जोकर को देखकर लोग सर्कस को भगवान नहीं मान लेते.’

प्रवक्ता ने राहुल गांधी को तंज कसते हुए कहा, ‘यह 56 साल के अव्यस्क बालक हैं. इनके विचार और बयानबाजी बचकाने हैं. अगले चार साल में ये वृद्धावस्था पेंशन के योग्य हो जाएंगे. बिहार सरकार ने पेंशन की राशि 1500 रुपये कर दी है, चाहें तो आवेदन कर दें.’

‘कभी गांधी नहीं, बल्कि Gandhy थे’

उन्होंने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा, ‘सच्चे गांधी तो चले गए, जिनके आदर्शों पर बिहार की आत्मा बसती है, लेकिन कुछ लोग आज भी उधार के गांधी के पीछे चल रहे हैं. जनता अब धीरे-धीरे सच्चाई समझने लगी है कि यह कभी गांधी नहीं थे, बल्कि Gandhy थे.’

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