EC Vote Chori Fraud; Umang Singhar Congress BJP | Assembly Election | कांग्रेस बोली- एमपी में…

भोपाल में सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोटों के हेरफेर का आरोप लगाया।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे पर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। इसके बाद मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 2023 के विधानसभा चुनाव में करीब 16 लाख वोटों का हेरफेर किए जाने का आरोप लगाया है। उनके आरोपों को ले
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भोपाल में सिंघार ने कहा- हमने मध्य प्रदेश के बारे में चीजें समझी कि किस तरह से वोट चोरी कर फर्जी जनादेश लेकर भाजपा ने सरकार बनाई। इसमें चुनाव आयोग ने किस तरह से भाजपा की सरकारें बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
चुनावी साल 2023 में मध्य प्रदेश में 34 लाख से ज्यादा नाम जोड़े गए। अंतिम दो माह में हर रोज 26 हजार वोट जोड़े। टोटल 16 लाख वोट जोड़े गए। 2018 के चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से 1% से ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन 2023 में यह बढ़ कर 8-9% हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में लगभग 8-9% वोट की चोरी हुई।
ये मतदाता सूचियां देने में ही गड़बड़ है नेता प्रतिपक्ष ने कहा- चुनाव आयोग कहता है कि हम पारदर्शिता रखते हैं। सभी पार्टियां हमारी स्टेकहोल्डर होती हैं। हर चुनाव में हम सभी राजनीतिक दलों को मतदाता सूची देते हैं। कौन सी सूचियां देते हैं और कौन सी नहीं देते। कैसे वोट बढ़ाए या काटे जाते हैं। ये मतदाता सूचियां देने में ही गड़बड़ है।
सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 27 सीटों पर हुई गड़बड़ी के उदाहरण बताए।
सिंघार बोले- दो महीने में बढ़े थे 16 लाख वोटर उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ियों को उदाहरण समेत सामने रखा। सिंघार ने कहा- 2023 के विधानसभा चुनाव में दो महीने में ही करीब 16 लाख वोटर बढ़े थे। चुनाव आयोग ने एक पत्र 9 जून 2023 को छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, मिजोरम और राजस्थान के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को जारी किया।
इसमें आदेश दिया कि मतदाता सूची में 30 जून के बाद जो वोटर हटाए, बढ़ाए गए वो लिस्ट चुनाव आयोग ने नहीं दी। आयोग ने साफ लिखा था कि ये लिस्ट न तो वेबसाइट पर डाली जाए और न ही किसी को दी जाए।
सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये जानकारी दी
RTI के जवाब में आयोग बोला- हम डिजिटल डेटा नहीं रखते सिंघार ने कहा- मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने 2 दिसंबर 2022 को एक आदेश निकाला कि साढ़े आठ लाख नकली वोटर हटाए जाएंगे। लेकिन, आरटीआई में जानकारी मांगी तो आयोग ने कहा हम डिजिटल डेटा नहीं रखते। जबकि आयोग के नियम-32 में स्पष्ट है कि आयोग को तीन साल तक डेटा रखना है। ये आयोग की दूसरी गलती है।
प्रजेंटेशन के दौरान यह जानकारी नेता प्रतिपक्ष ने दी
वोटर बढ़े इसलिए कम अंतर से 27 सीटें कांग्रेस हारी नेता प्रतिपक्ष ने कहा- मप्र में ऐसी कई सीटें हैं। मैंने 25-26 सीटें निकाली, जहां दो महीनों में 7 से 10 हजार तक वोटर बढ़े। विधानसभा उम्मीदवारों को और न ही राजनीतिक दलों को ये लिस्ट दी गई। जहां हार-जीत का 5 हजार वोटों का अंतर रहा तो 11 हजार वोट बढ़े। इस कारण करीब 27 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार बहुत कम अंतर से चुनाव हार गए।
इन सीटों पर हार का अंतर नेता प्रतिपक्ष ने बताया।
सिंघार बोले-दो महीनों में वोटर बढ़ने से इन सीटों पर कांग्रेस हारी।
फोटो शामिल करने बनाते हैं फाइल साइज का बहाना उमंग सिंघार ने कहा कि चुनाव आयोग ऑनलाइन मतदाता सूची में फोटो शामिल न करने के लिए ‘गोपनीयता’ और ‘फाइल साइज’ का बहाना देता है। लेकिन जब सरकार अपनी योजनाओं का प्रचार करती है, तब लाभार्थियों के फोटो और वीडियो बड़े-बड़े पब्लिक डॉक्यूमेंट्स और विज्ञापनों में सार्वजनिक किए जाते हैं।
भाजपा ने कहा- 2 साल बाद कांग्रेस नींद से जागी सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि चुनाव के 2 साल बाद कांग्रेस नींद से जागी है और तथ्यहीन झूठे आरोप लगा रही है। नेता प्रतिपक्ष जी बिना किसी आंकड़े और तथ्य के बातें कर रहे हैं। वोट चोरी जैसी बातें करके लोकतंत्र को तार-तार करना उचित नहीं है। कुंभकरण भी 6 महीने में जग जाता है। यह कांग्रेस के नेता 20 महीने बाद, जब सरकार बन गई दौड़ गई और चल गई।
एमपी चुनाव आयोग की वेबसाइट अंडर मेंटेनेंस दिखा रही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये स्थिति कब से है।
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मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 16 अगस्त को अपने सभी संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों की घोषणा कर दी। जैसे ही सूची जारी हुई प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विरोध के स्वर फूटने लगे। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से दैनिक भास्कर ने बात की। उन्होंने जिलाध्यक्षों के चयन और विरोध को लेकर सवालों के जवाब दिए। पढ़ें पूरी खबर…