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Mandi traders warned of indefinite business shutdown | मंडी व्यापारियों ने दी अनिश्चितकालीन…

जिला कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देने आए कृषि उपज मंडी के व्यापारी

कृषि उपज मंडी यार्ड एवं होलसेल किराना मर्चेन्ट एसोसियेशन भीलवाड़ा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर राजस्थान सरकार द्वारा कृषि उपज मंडियों में गैर-अधिसूचित कृषि उपज व खाद्य उत्पादों पर लगाए गए 50 पैसा प्रति सैकड़ा यूज़र चार्ज को तुरंत प्रभाव से निर

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व्यापारियों ने आज जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जिसमे बताया की ये चार्ज न तो किसानों के हित में है और न ही उपभोक्ताओं के, बल्कि इससे सभी वर्ग प्रभावित होंगे। मंडी प्रांगण में व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ने से किसान व आम उपभोक्ता दोनों को ही महंगाई का सामना करना पड़ेगा।

मंडी से पलायन का खतरा

यदि यूज़र चार्ज लागू रहा तो व्यापारी मंडी यार्ड छोड़कर बाहर जाकर व्यापार करेंगे, क्योंकि बाहर यह शुल्क नहीं लगेगा। इससे मंडी सूनी हो जाएगी और किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलेगा।

सरकार को राजस्व हानि

मंडी खाली होने से न केवल कृषि मंडी शुल्क बल्कि केन्द्र सरकार को जीएसटी राजस्व का भी नुकसान होगा। बिना बिल के लेन-देन बढ़ने की आशंका है।

किसानों और उपभोक्ताओं पर बोझ

किसान अपनी उपज बेचकर मंडी परिसर में ही दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदते हैं, वहीं उपभोक्ता भी सस्ता माल यहीं से लेते हैं। व्यापारी बाहर चले जाने पर किसानों व आमजन दोनों को अतिरिक्त खर्च व असुविधा झेलनी होगी।

व्यापार में घाटा

व्यापारियों ने उदाहरण देकर बताया कि महज़ 1% मार्जिन पर चल रहे व्यवसाय में 0.50% का अतिरिक्त चार्ज भारी नुकसान पहुंचाएगा। बैंक ब्याज, कर्मचारियों का वेतन, बिजली-पानी जैसे खर्च पहले ही व्यापारी पर बोझ हैं।

सरकार का नया चार्ज केंद्र की नीति के विपरीत

व्यापारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी सरलीकरण और टैक्स स्लैब घटाने की दिशा में कदम उठाए हैं, वहीं राजस्थान सरकार का यह नया चार्ज केंद्र की नीति के विपरीत है।

संघ ने चेतावनी दी है कि यदि यूज़र चार्ज को वापस नहीं लिया गया तो व्यापारी मजबूरन मंडी यार्ड छोड़ देंगे, जिससे सरकार, किसान और उपभोक्ता सभी को नुकसान होगा। इसलिए सरकार से मांग की गई है कि इस आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए।

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