राज्य

Rajasthan High Court: Women will get EWS certificate after marriage | राजस्थान हाईकोर्ट:…

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण की एकल पीठ का अहम फैसला।

राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर पीठ ने अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि दूसरे राज्य से विवाह के बाद राजस्थान आने वाली महिलाएं EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाण पत्र की हकदार हैं। जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण की एकल पीठ ने हनुमानगढ़ के टिब्बी निवासी पू

.

दरअसल, मूलतया हरियाणा की पूनम का विवाह राजस्थान के हनुमानगढ़ टिब्बी निवासी पवन कुमार से हुई। वो अपने ससुराल रामपुरा पंचायत के वार्ड नंबर 4 की निवासी है। पूनम ने अपने लिए ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। लेकिन, अधिकारियों ने उनका आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसके पास अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रमाण पत्र हरियाणा राज्य से जारी हुआ था। इस पर पूनम ने राजस्थान हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी।

चार सप्ताह में जारी करें प्रमाण पत्र

इस मामले में सोमवार को जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ऐसे ही मामले के तथ्य (सुनीता रानी बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य) के समान बताया, जिसमें 26 मई को निर्णय दिया गया था। इसी आधार पर कोर्ट ने प्रतिवादी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, कार्मिक विभाग सचिव, हनुमानगढ़ कलेक्टर, टिब्बी उपखंड अधिकारी व अन्य को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता द्वारा किए गए ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के आवेदन पर पुनर्विचार करें।

यदि पूनम ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निर्धारित अन्य सभी शर्तों को पूरा करती हैं, तो उन्हें चार सप्ताह की अवधि में कानून के अनुसार प्रमाण पत्र जारी किया जाए। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले आवेदन को खारिज कर देने से सक्षम प्राधिकारी को आवेदन पर फिर से विचार करने से रोका नहीं जा सकेगा।

कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता विवाह के बाद राजस्थान राज्य में निवासरत है। केवल इस आधार पर ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र देने से इनकार करना गलत था कि उसके पास हरियाणा का ओबीसी प्रमाण पत्र था। याचिकाकर्ता ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के रूप में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट सुनील बिश्नोई व राहुल मंडन ने तथा राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता एसआर पालीवाल ने पैरवी की।

सुनीता रानी मामला: 20 अक्टूबर 2023 के सर्कुलर की व्याख्या

सुनीता रानी के मामले में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि प्रतिवादियों ने गलत तरीके से EWS प्रमाण पत्र जारी करने से मना कर दिया था। इसका एकमात्र कारण यह था कि उसके पास हरियाणा राज्य द्वारा जारी OBC प्रमाण पत्र था।

कोर्ट ने 20 अक्टूबर 2023 के सर्कुलर का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि विवाह के बाद राजस्थान राज्य में आने वाली कोई भी महिला, भले ही वह OBC श्रेणी के लाभ की हकदार न हो, लेकिन यदि वह EWS श्रेणी से संबंधित है, तो निश्चित रूप से सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के रूप में EWS प्रमाण पत्र प्राप्त करने की हकदार है।

सर्कुलर के मुख्य प्रावधान

कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा – “अन्य राज्य की महिला को ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर राजस्थान में किसी भी भर्ती में ओबीसी वर्ग का आरक्षण देय नहीं है, परंतु ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर उसे आरक्षण के अलावा अन्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं। अतः अन्य राज्य की कोई ओबीसी युवती राजस्थान में किसी ओबीसी युवक से शादी करती है और उसने राजस्थान में ओबीसी का प्रमाण पत्र नहीं बनवाया है, तो उसे राजस्थान में सामान्य वर्ग की मानते हुए ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है।”

आरक्षण का लाभ: इस सर्कुलर में यह भी स्पष्ट किया गया कि ऐसी युवती को ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र के आधार पर भर्तियों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ मिल सकता है। अन्य राज्यों के आरक्षित वर्गों के ऐसे अभ्यर्थी जो विवाहोपरांत राजस्थान राज्य के मूल निवासी बन गए हैं, को ईडब्ल्यूएस आरक्षण के संबंध में उसी आधार पर कार्यवाही की जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button