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Haryana Bhiwani Lady Teacher Manisha Case Ground Report | मनीषा के घर से निकलने-लाश मिलने तक की…

हरियाणा के भिवानी जिले में प्ले-वे स्कूल की लेडी टीचर मनीषा (19) की लाश मिलने के 5 दिन बाद पुलिस इसे इनडायरेक्टली सुसाइड बता रही है। मनीषा नर्स बनना चाहती थी। नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के लिए फीस जुटाने के लिए ही महीना भर पहले प्ले-वे स्कूल में पढ़ाने

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11 अगस्त को घर से 8 किलोमीटर दूर स्कूल के लिए निकली। पिता को कहा कि -आज लेट हो जाऊंगी, नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के बारे में पता करने जाना है। उसी शाम को 6ः26 बजे पिता के मोबाइल पर कॉल लगाई। शायद वो कुछ कहना चाहती थी, पिता कॉल नहीं उठा पाए। फिर मनीषा घर नहीं लौटी और दो दिन बाद खेतों में मनीषा की लाश मिली।

इस पूरे दर्दनाक सफर में घर के बाद 4 स्पॉट हैं। पहला घर से 8 किलोमीटर दूर वो स्कूल, जिसमें वो एक महीने पहले पढ़ाने लगी थी। दूसरा, स्कूल से 2 किलोमीटर दूर वो नर्सिंग कॉलेज, जिसमें मनीषा दाखिले का सपना देख रही थी। इन दोनों के बीच में वो बीज-पेस्टीसाइड की दुकान, जहां पुलिस कह रही है कि यहीं से मनीषा ने कीटनाशक खरीदा। और आखिर में कॉलेज से करीब 500 मीटर दूर वो नहर किनारे खेत, जहां मनीषा की लाश मिली।

घर से निकलने से लेकर लाश मिलने के बीच मनीषा के साथ क्या हुआ होगा, उसके मन में क्या चल रहा था, क्या वो कॉलेज गई, खेतों में कैसे पहुंच गई…इन सब कड़ियों को जोड़ने के लिए दैनिक भास्कर एप की टीम ने इस पूरे रास्ते की ग्राउंड रिपोर्ट की।

मनीषा के कॉलेज से करीब 500 मीटर दूर खेत में यहां उसका शव मिला था। पुलिस ने इस जगह को सील कर रखा है।

सिलसिलेवार पढ़ें, लेडी टीचर के आखिरी दर्दनाक सफर की कहानी…

सीधी-साधी कम बोलने वाली लड़की थी, नर्सिंग ऑफिसर बनने का सपना देखा भिवानी में दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे से 2 किमी अंदर गांव ढाणी लक्ष्मण में मनीषा का घर है। गांव के ही एंट्री पर बड़ा मंदिर है। गांव के बाहरी रोड पर हिसार पशु केंद्र नाम से पशु आहार की दुकान है। इसी दुकान के सामने वाला रोड मनीषा के घर जाता है। मनीषा सीधी-साधी, कम बोलने वाली लड़की थी और नर्सिंग ऑफिसर बनना चाहती थी।

गरीब घर से होने के कारण एडमिशन के लिए उसको पैसों की भी चिंता थी, इसलिए वह 8 KM दूर गांव सिंघानी के किड्स केयर स्कूल में पढ़ाने लग गई। एक महीना पढ़ाने के बाद जब स्कूल से सैलरी आने वाली थी, तो मनीषा ने नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन की सोची। घर बात की तो दादा ने कहा कि चिंता मत करना, भैंस बेचनी पड़ी तो वो भी बेच देंगे।

गांव ढाणी लक्ष्मण में मनीषा का घर, जहां रिश्तेदार परिजनों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।

11 अगस्त स्कूल वैन में निकली, पिता को कहा- आज लेट हो जाऊंगी मनीषा रोज स्कूल वैन से ही घर आती-जाती थी। 11 अगस्त को मनीषा रोजाना की तरह सुबह 7 बजे घर से स्कूल की वैन में निकली। घर पर पिता संजय से कहा कि मैं आज कॉलेज में एडमिशन का पता करके आउंगी तो लेट हो जाउंगी। छुट्टी के बाद मनीषा स्कूल वैन से घर नहीं लौटी।

मनीषा देर शाम तक घर नहीं आई तो दादा रामकिशन को चिंता हुई। रामकिशन ने बेटे संजय को फोन मिलाकर कहा कि बेटी नहीं आई। संजय ने जवाब दिया- आज वो लेट आएगी। उसको कॉलेज में एडमिशन का पता करने जाना था।

इसके बाद मनीषा का शाम 6:26 बजे पिता के नंबर पर कॉल आया, हालांकि वो कहीं व्यस्त होने के कारण कॉल नहीं उठा सके। कुछ देर बाद पिता ने बैक कॉल किया, मगर मनीषा ने फोन नहीं उठाया। तब परिवार को मनीषा की चिंता हुई और उसकी तलाश शुरू की।

मनीषा के दादा रामकिशन घटना वाले दिन की जानकारी देते हुए रो पड़े।

स्कूल से नर्सिंग कॉलेज 2 किमी ही दूर, पैदल निकली मनीषा जिस किड्स केयर स्कूल में मनीषा पढ़ाती थी, उस स्कूल से आइडियल नर्सिंग कॉलेज की दूरी 2 किमी ही है। मनीषा को पैदल ही स्कूल से कॉलेज जाना था। मगर, मनीषा की कॉलेज से 500 किमी दूर नहर की फिरनी के साथ लगते खेतों में लाश मिली।

हमारी टीम मंगलवार को मनीषा के किड्स केयर स्कूल पहुंची तो वहां मेन गेट पर ताला लटका मिला। यहां आसपास के दुकानदारों ने बताया कि सोमवार को स्कूल खुला था, हालांकि स्कूल संचालक रोहित दहिया सामने दिखाई नहीं दे रहे। उनसे पुलिस पूछताछ कर रही है।

इसी किड्स केयर स्कूल में मनीषा पढ़ाने आती थी।

स्कूल की गली पर ही कीटनाशक की दुकान, दो दिन से बंद पुलिस का कहना है कि मनीषा ने कीटनाशक स्प्रे दुकान से लिया था। टीम मनीषा के स्कूल गई तो वहीं गली के नुक्कड़ में देवेंद्र खाद बीज भंडार के नाम से दुकान मिली। दुकान का शटर बंद था। दुकान के सामने ही सड़क पार एक और कीटनाशक की दुकान है।

वहां से पता किया तो दुकानदार ने बताया कि वो दुकान तो दो दिन से बंद है। पुलिसवाले आए थे और दुकानदार को साथ ले गए। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मनीषा के कीटनाशक खरीदते के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मिले हैं। कीटनाशक लेने की बिक्री रजिस्टर में एंट्री है।

पुलिस ने कहा है कि मनीषा ने कीटनाशक निगला है। मनीषा ने इसी दुकान से कीटनाशक खरीदा था। यह दुकान उसके स्कूल के पास ही मौजूद है।

नर्सिंग कॉलेज के कैमरे 30 जुलाई से बंद, पुलिस अंदर नहीं जाने दे रही स्कूल के बाद हमारी टीम आइडियल नर्सिंग कॉलेज के लिए निकली। स्कूल से कॉलेज के रास्ते में सड़क किनारे कई दुकानें हैं। कई दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। कॉलेज रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे में मनीषा आखिरी बार पैदल जाते हुई दिखी थी।

हमारी टीम ने कॉलेज के अंदर जाने का प्रयास किया तो कॉलेज के गेट पर तैनात पुलिस टीम ने अंदर जाने से रोक दिया। कॉलेज की फोटो या वीडियो बनाने तक से मना कर दिया। भिवानी पुलिस दावा कर रही है कि जांच में यह सामने आया है कि मनीषा 11 अगस्त को कॉलेज गई ही नहीं। कॉलेज के सीसीटीवी कैमरे 30 जुलाई से बंद हैं, डीवीआर चल रही है। कॉलेज के सभी कमरों को पुलिस की फोरेंसिक जांच टीम ने खंगाला है। मनीषा के मामले के बाद कॉलेज की सुरक्षा बढ़ा दी है।

मनीषा जिस स्कूल में पढ़ाती थी, उससे इस आइडियल नर्सिंग कॉलेज की दूरी करीब 2 किलोमीटर है।

कॉलेज से 500 मीटर आगे है वो खेत जहां मनीषा का शव मिला आइडियल नर्सिंग कॉलेज से 500 मीटर आगे जाकर नहर की तरफ कच्चा रास्ता जाता है। इसी रास्ते पर मेन सड़क से 100 मीटर अंदर खेतों में मनीषा का शव मिला। जिस खेत में शव मिला उसमें ग्वार की करीब 3 फीट ऊंची फसल लगी है। यहां नहर की पगडंडी से करीब 10 कदम की दूरी पर मनीषा का शव मिला था। जिसका चेहरा नोचा हुआ था। इधर, सामान्यतः लोगों को आना जाना कम है। जिस खेत में शव मिला, उसी के मालिक ने पुलिस को सूचना दी थी।

दादा लगातार रो रहे, मां खाना नहीं खा रहीं जब हम मनीषा के घर गांव ढाणी लक्ष्मण पहुंचे तो दादा रामकिशन भैंस को चारा डाल रहे थे। हमने उनसे बातचीत शुरू की तो उनकी आंखें नम हो गईं। दादा बोले- मनीषा को न्याय मिलना चाहिए। वो सुसाइड करने वाली बच्ची नहीं है। वो तो आगे पढ़ना चाहती थी और नर्सिंग कॉलेज में दाखिला लेना चाहती। कोई ऐसी बात होती तो जरूर बताती। कॉलेज में ही जरूर हमारी बेटी के साथ कुछ हुआ है।

घर के अंदर गए तो मां विनोद बिस्तर पर लेटी हुईं थी। परिवार ने बताया कि कई दिन से मां ने खाना नहीं खाया है। सदमे में बार-बार बेहोश हो जाती हैं। रिश्तेदारों के कहने पर मां बात करने को राजी हुईं। बोलीं- मेरी मनीषा बहुत सीधी लड़की थी, वो तो नर्स बनता चाहती थी। उसके कहीं रिश्ते की बात नहीं चल रही थी। अभी वो पढ़ना चाहती थी।

मनीषा के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्हें सांत्वना देने पड़ोसी और रिश्तेदार पहुंच रहे हैं।

पुलिस सुसाइड कह रही, वजह साफ नहीं मनीषा ने सुसाइड किया तो क्यों किया? इसका जवाब सुसाइड बताने वाली पुलिस के पास भी नहीं है। मनीषा के दादा रामकिशन और मां विनोद एक ही बात कह रहे हैं कि बेटी सुसाइड नहीं कर सकती। इसकी अच्छे से जांच होनी चाहिए। दादा ने कहा कि मैंने मनीषा को कहा था कि मैं भैंस बेचकर तेरा एडमिशन करवाउंगा। मां ने बताया कि बेटी के जाने का दर्द बहुत है। एक-एक पल निकालना मुश्किल हो रहा है। मनीषा का भाई 13 साल है जबकि छोटी बहन करीब 3 साल की है। पिता संजय प्राइवेट नौकरी करते हैं।

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