‘तमिलनाडु चुनाव में लाभ चाहती है BJP, इसलिए सीपी राधाकृष्णन को बनाया उम्मीदवार’, NDA के VP…

द्रमुक (DMK) के वरिष्ठ नेता टीकेएस इलांगोवन ने सोमवार (18 अगस्त, 2025) को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने चुनावी फायदे को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया है, क्योंकि तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव एक साल से भी कम समय में होने वाला है. उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य लोगों को धोखा देना है क्योंकि राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार नामित करने से तमिलनाडु को कोई फायदा नहीं होगा.
राधाकृष्णन BJP के कार्यकर्ता हैं, उनका नामांकन उनकी पदोन्नति है- इलांगोवन
DMK नेता ने स्पष्ट संकेत दिया कि उनकी पार्टी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करेगी. उन्होंने कहा, “राधाकृष्णन भाजपा के कार्यकर्ता हैं और पार्टी की ओर से दूसरे शीर्ष संवैधानिक पद के लिए उनका नामांकन उनकी पदोन्नति है और इससे तमिलनाडु का कोई भला नहीं होने वाला है.”
राज्यसभा के पूर्व सदस्य इलांगोवन ने सवाल किया कि DMK को राधाकृष्णन के नामांकन का समर्थन क्यों करना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस मामले में विपक्षी गठबंधन इंडिया के फैसले का पालन करेगी, जिसमें द्रमुक एक प्रमुख सहयोगी है. उन्होंने कहा, ‘‘राधाकृष्णन का नामांकन उनके लिए एक पदोन्नति है, लेकिन तमिलनाडु के लिए इससे कोई भला नहीं होने वाला है.’’
MDMK महासचिव ने सीपी राधाकृष्णन को दी बधाई
वहीं, द्रमुक की सहयोगी MDMK के महासचिव वाइको ने कहा, “वह पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सीपी राधाकृष्णन को अपनी पार्टी की ओर से शुभकामनाएं देते हैं, क्योंकि महाराष्ट्र के राज्यपाल एक तमिल और सुसंस्कृत व्यक्ति हैं, जो सभी राजनीतिक दलों का सम्मान करते हैं.”
सिर्फ दो साल का होगा सीपी राधाकृष्णन का कार्यकाल- इलांगोवन
केंद्र की भाजपा सरकार पर तमिलनाडु का हर तरीके से अपमान करने का आरोप लगाते हुए इलांगोवन ने कहा, “राधाकृष्णन का नामांकन ऐसे समय में हुआ है जब राज्य में मार्च-अप्रैल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. उन्होंने पीटीआई वीडियो से कहा, “भाजपा नेतृत्व ने एक तमिल को नामित किया है ताकि यह दावा किया जा सके कि उसने तमिलों के लिए अच्छा काम किया है. इसके अलावा, (नए उपराष्ट्रपति का) कार्यकाल भी केवल लगभग दो वर्ष का होगा, जो जगदीप धनखड़ के कार्यकाल की शेष अवधि है.”
कीलाडी की खोजों को मान्यता क्यों नहीं देती भाजपा सरकार- इलांगोवन
उन्होंने सवाल किया, ‘‘भाजपा नीत केंद्र सरकार ने तमिलनाडु राज्य और उसकी संस्कृति के लिए क्या किया है? कीलाडी की खोजों का क्या हुआ और ASI के पुरातत्वविद् अमरनाथ रामकृष्णन का तबादला क्यों किया गया, जब उन्होंने कहा था कि कीलाडी भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता है? वे तमिल सभ्यता को सबसे प्राचीन सभ्यता क्यों नहीं मानना चाहते? क्या यह तमिलों का अपमान नहीं है?’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वे ऐसा दावा करते हैं मानो उन्होंने तमिलनाडु के लिए कुछ बहुत बड़ा काम किया हो. अगर आप उनसे कहें कि पहले कीलाडी की खोजों को मान्यता दें, तो क्या वे ऐसा करेंगे? वे ऐसा करने से क्यों इनकार कर रहे हैं? वे खुद तमिलनाडु और तमिलों का अपमान कर रहे हैं और लोग यह बात समझ चुके हैं और इसीलिए उन्होंने कभी भी भाजपा को स्वीकार नहीं किया. भाजपा अपने ही तमिल नेताओं की अनदेखी कर रही है और केंद्र सरकार तमिलनाडु को शिक्षा के क्षेत्र में भी आवश्यक धन उपलब्ध नहीं करा रही है.
तमिलनाडु को BJP अलग-थलग कर रही- इलांगोवन
उन्होंने कहा, “तमिलनाडु को भाजपा की ओर से अलग-थलग किया जा रहा है और उसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है. जब भी भाजपा के नेता राज्य का दौरा करते हैं तो वे तमिलनाडु की प्रशंसा करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा सरकार राज्य का अपमान कर रही है और यहां के लोगों का भला नहीं चाहती है. हर तमिलवासी यह बात जानता है कि भाजपा तमिलनाडु के विकास के प्रति गंभीर नहीं है और वे राज्य का विकास नहीं चाहते.”
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