Kishangarh Bas Blue Drum Murder; Wife Boyfriend vs Husband | Live-in Relationship | नीले-ड्रम…

खैरथल-तिजारा के किशनगढ़बास में बॉयफ्रेंड के साथ मिल पति हंसराम की हत्या कर शव नीले ड्रम में छुपाने वाली लक्ष्मी देवी उर्फ सुनीता को पुलिस ने पकड़ लिया। उसका बॉयफ्रेंड जितेंद्र शर्मा भी पुलिस की गिरफ्त में है।
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भास्कर की पड़ताल में जितेंद्र से जुड़े कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं। जितेंद्र की पहली पत्नी की भी 11 साल पहले पोंछा लगाते हुए करंट लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। तब सामाजिक पंचायती के बाद मामले को सुलझा लिया गया था।
इसके कुछ साल बाद जितेंद्र ने पड़ोस में रहने वाली एक शादीशुदा महिला से अफेयर कर लिया था। मामला सामने आने पर ससुराल वालों ने महिला को पीहर भेज दिया। जितेंद्र महिला को पीहर से भगा लाया। 3-4 साल दोनों लिव-इन में रहे।
शुरुआती जांच में पुलिस को शक है कि लक्ष्मी देवी और जितेंद्र ने प्रेम-प्रसंग के चलते हंसराम का मर्डर किया और नीले ड्रम में डालकर फरार हो गए। फोटो- AI जनरेटेड
रिटायर्ड पुलिसकर्मी की बहू से भी संबंध
आरोपी की मां मिथिलेश शर्मा ने बताया कि करीब 14 साल पहले उसके बेटे जितेंद्र की शादी शशि शर्मा से हुई थी। दोनों के एक बच्चा भी हुआ। तीन साल बाद एक दिन जब शशि घर में पोंछा लगा रही थी तो कूलर से करंट दौड़ गया। जिससे शशि की मौत हो गई।
इसके कुछ समय बाद पड़ोस में ही रहने वाले एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी भागीरथ गौड़ के दिनेश की पत्नी उसके संपर्क में आ गई थी। दोनों में प्यार हो गया था। महिला के ससुराल वालों को पता चला तो उन्होंने उसे पीहर भेज दिया। हमारे भी यहां लड़ाइयां हुई थी।
कुछ टाइम बाद ही महिला अपने पीहर से भागकर जितेंद्र के साथ हमारे घर आ गई। दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लग गए थे। वहीं उस महिला लने ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना और भरण पोषण को लेकर केस भी कर दिया था।
जितेंद्र के लिए रिश्ता देख रहे थे घरवाले
जितेंद्र की मां ने बताया कि हम उसके लिए रिश्ता देख रहे थे। मेरी इच्छा थी कि उसका घर बस जाए। डेढ़ महीने पहले ही एक दिन जितेंद्र अपने साथ सूरज और सुनीता को लेकर आया था। मुझे तो उसने यही नाम बताए थे। अब पुलिस कह रही है कि उनके नाम हंसराम और लक्ष्मी देवी है।
उस समय जितेंद्र ने कहा था कि ये मेरा दोस्त है और भट्टे पर साथ ही काम करता है। अभी भट्टा बंद हो गया है इसलिए वापस यूपी अपने गांव जा रहे है। दो-चार दिन अपने यहां घर में ऊपर रुकेंगे और यहीं पर नए काम-धंधे की तलाश करेंगे। काम मिल जाएगा तो अपने यहां किराया देकर रहेंगे और नहीं मिला तो अपने गांव चले जाएंगे।
जितेंद्र की मां ने बताया कि सूरज (हंसराम) को कोई काम भी मिल गया था। जितेंद्र और सूरज (हंसराम) अक्सर साथ में ऊपर बैठ कर शराब पीते थे। इसके बाद जितेंद्र नीचे आकर सो जाता था। कभी भी ऐसा नहीं लगा कि जितेंद्र का सूरज (हंसराम) की पत्नी सुनीता (लक्ष्मी) के साथ कोई रिश्ता बन रहा हो। हां, सुनीता कई बार ये जरूर कहती थी कि वो सूरज (हंसराम) के साथ खुश नहीं है। उसे परेशान करता रहता है। उसकी शादीशुदा जिंदगी सही नहीं है।
मृतक हंसराम (बाएं) और आरोपी जितेंद्र (दाएं)।
पति और चार बच्चों की हत्यारी ने कराई थी जितेंद्र की शादी
जितेंद्र की मां से बातचीत के बाद भास्कर टीम ने भागीरथ गौड़ से भी बात की। रिटायर्ड पुलिसकर्मी भागीरथ गौड़ ज्योतिष का काम भी करते हैं। भागीरथ गौड़ ने बताया कि जितेंद्र ने ये एक ही हत्या नहीं की, तीन परिवारों को खत्म किया है।
भागीरथ गौड़ ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी शशि की मौत आज भी विवादित है। उसकी मौत कूलर से करंट फैलने से बताई गई थी, लेकिन वो जब मरी तब उसने चप्पलें पहनी हुई थी। उसके पेट पर प्रेस चिपकाने जैसा निशान बना हुआ था। उसके पीहरवाले गरीब थे। ऐसे में उन्हें मैनेज कर लिया गया था।
भागीरथ गौड़ बोले- हम जितेंद्र के परिवार को अपना परिवार मानते थे। उसने हमारे ही बेटे की बहु के साथ गलत काम किया। वो जितेंद्र के घर में बिना शादी के उसके साथ रहने लग गई थी। जितेंद्र उसे ज्यादा दिन अपने साथ नहीं रख पाया। अब पता चला है कि जितेंद्र अपने घर में ही एक व्यक्ति की ह्त्या कर उसकी पत्नी को लेकर भाग गया है।
लंबे समय से थे जितेंद्र-लक्ष्मी के संबंध
भास्कर पड़ताल में सामने आया है कि पहले हंसराम और उसकी पत्नी लक्ष्मी भिंडुसी के सूर्या ईंट भट्टे पर काम करते थे। यहीं पर जितेंद्र शर्मा मुनीम का काम करता था। ईंट भट्टे पर काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि यहीं पर जितेंद्र और लक्ष्मी के बीच अवैध संबंध बन गए थे। जितेंद्र हर समय हंसराम को किसी न किसी काम से बाहर भेज देता था और खुद लक्ष्मी के पास चला जाता था। इसके बाद जितेंद्र उन्हें अपने घर ले गया।
हत्या की आरोपी लक्ष्मी देवी उर्फ सुनीता इंस्टाग्राम पर रील बनाती थी- मेरा पति मेरा देवता है।
नीले ड्रम में मिली थी यूपी के युवक की लाश
एक दिन पहले 17 अगस्त को किशनगढ़बास के आदर्श कॉलोनी के एक घर की छत पर नीले ड्रम में यूपी के शाहजहांपुर जिले के नवादिया नवाजपुर निवासी हंसराम उर्फ सूरज की लाश मिली थी। बदबू आने पर मकान मालिक राजेश शर्मा की पत्नी मिथलेश ने पुलिस को कॉल किया था। पुलिस पहुंची तो छत पर बने कमरे में नीले ड्रम में शव पड़ा मिला था। जिस पर नमक डाल रखा था। युवक का धारदार हथियार से गला काटा गया था।
हंसराम पत्नी और तीन बच्चों के साथ यहां रहता था। वह किशनगढ़बास में ईंट-भट्टे पर काम करता था। जितेंद्र ने ही खुद के घर में हंसराम को किराए पर कमरा दिया था। हंसराम नशे का आदी था और अक्सर जितेंद्र के साथ बैठकर शराब पीता था। शनिवार से ही हंसराम की पत्नी सुनीता और तीन बच्चे गायब थे। वहीं जितेंद्र भी उसी दिन से गायब था।
किशनगढ़बास की आदर्श कॉलोनी में स्थित राजेश शर्मा का मकान, जिसमें नीले ड्रम में शव मिला।
मकान मालिक के बेटे ने घरवालों को भी गुमराह किया था
डेढ़ महीने पहले मकान मालिक का बेटा जितेंद्र इस परिवार को अपने यहां किराए के लिए लेकर आया था। जितेंद्र ने अपने पिता राजेश शर्मा से हंसराम और उसकी पत्नी का नाम गलत बताया था। उसने हंसराम का नाम सूरज बताया, जबकि पत्नी लक्ष्मी का नाम सुनीता बताया। घर वालों को आज भी इनके नाम सूरज और सुनीता ही पता है। मामले की जांच के दौरान पुलिस को हंसराम का आधार कार्ड मिला, जिससे हकीकत सामने आई थी।