Fareed Zakaria on India-US Relations: बिल क्लिंटन से लेकर जो बाइडन तक US ने भारत से रिश्ते…

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत पर सबसे अधिक टैरिफ लगाया है, जिसके बाद से अमेरिका-भारत के रिश्ते रसातल में पहुंच गए हैं. अमेरिकी नेताओं के भारत पर की जा रही टिप्पणियों के कारण संबंध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. इस बीच यूएस के राजनीतिक टिप्पणीकार और लेखक फरीद जकारिया ने ट्रंप की कड़ी आलोचना की है. उनका कहना है कि भारत से रिश्ते खराब करना उनकी विदेश नीति की बड़ी भूल साबित होगा.
फरीद जकारिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रविवार (17 अगस्त, 2025) को अपने एक वीडियो में कहा कि अमेरिका- भारत रिश्तों में सुधार की शुरुआत बिल क्लिंटन प्रशासन के दौरान शुरू हुई. बीते 25 वर्षों में लगातार ये रिश्ते बेहतर होते गए. डोनाल्ड ट्रंप के रुख ने अब अमेरिका के पिछले 5 राष्ट्रपतियों के प्रशासनों की नीतियों को उलट दिया है.
The biggest strategic mistake of President Trump’s second term so far?
Trump’s stunning turn against India.
My take: pic.twitter.com/yX272CVf4z
— Fareed Zakaria (@FareedZakaria) August 17, 2025
‘2000 में बिल क्लिंटन ने भारत दौरा कर नई पहल की’
जकारिया ने बताया कि साल 2000 में बिल क्लिंटन ने भारत का दौरा कर नई पहल की. इसके बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में भारत से संबंध बेहतर करने पर काफी काम हुआ. बुश प्रशासन ने चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए भारत से नजदीकी बढ़ाई. उस समय बुश ने माना कि चीन का सबसे महत्वपूर्ण प्रतिकार भारत ही हो सकता है. हालांकि, भारत का परमाणु कार्यक्रम संबंधों में अड़चन बन रहा था, लेकिन इसे दूर करते हुए बुश प्रशासन ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते की पेशकश की, जिसने भारत से अमेरिकी अलगाव को खत्म कर दिया.
‘ओबामा और बाइडेन के समय रिश्ते और मजबूत हुए’
बराक ओबामा ने भी भारत से संबंधों को और आगे बढ़ाया तो ट्रंप ने भी पहले कार्यकाल में भारत को सहयोगी की तरह देखा. जो बाइडेन ने भारत से रक्षा और आर्थिक क्षेत्रों में बेहतर सहयोग स्थापित किया. बाइडेन के समय भारत ने लड़ाकू विमानों से लेकर कंप्यूटर चिप्स तक बनाने में अमेरिका के साथ काम करने की योजना बनाई. डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद से इस बार चीजें काफी ज्यादा बदली दिख रही हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डेड कहकर मजाक बनाने की कोशिश की है, जबकि सच्चाई ये है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. भारत 2028 तक जर्मनी को पछाड़कर अमेरिका और चीन के बाद तीसरी बड़ी इकॉनमी हो जाएगा.
ये भी पढ़ें