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The government should tell under which law the private schools were directed to give admission…

लीगल रिपोर्टर|जयपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के 40 हजार निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्री-प्राइमरी के एंट्री लेवल सहित अन्य क्लास में एडमिशन देने से जुड़े मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि उन्होंने किस कानून के तहत निजी स्कूलों को पीपी-3, पीपी-4, पीपी-5

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वहीं खंडपीठ ने सुनवाई 19 अगस्त को रखते हुए राज्य सरकार से कहा है कि वह सक्षम अधिकारी से इस संबंध में स्पष्टीकरण दिलवाए। जस्टिस अवनीश झिंगन व जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू की खंडपीठ ने यह निर्देश गुरुवार को राज्य सरकार व अन्य निजी स्कूलों की अपीलों पर संयुक्त सुनवाई करते हुए दिया।

मामले से जुड़े अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल व डॉ. अभिनव शर्मा ने बताया कि अपीलों में एकलपीठ के 18 जुलाई 2023 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें निजी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 में बच्चों को प्री प्राइमरी के एंट्री लेवल यानि नर्सरी व फर्स्ट क्लास में एडमिशन देने के लिए कहा था। जबकि राज्य सरकार ने भी अपील में एकलपीठ के राज्य सरकार के उस प्रावधान को रद्द करने के आदेश को चुनौती दी है जिसमें आरटीई के तहत प्री प्राइमरी क्लासेज में होने वाले बच्चों के एडमिशन की फीस का पुनर्भुगतान नहीं करने वाले प्रावधान को रद्द कर दिया था। इसके अलावा राज्य सरकार ने एकलपीठ की ओर से चार लेवल में एडमिशन की बजाय नर्सरी व फर्स्ट क्लास में एडमिशन देने के निर्देश को भी चुनौती दी थी।

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