प्रधानमंत्री की ओर से नेक्स्ट जनरेशन GST रिफॉर्म का ऐलान, व्यापार जगत में खुशी की लहर

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार (17 अगस्त, 2025) को ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से देशवासियों के लिए एक बड़ा आर्थिक तोहफा देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आगामी दिवाली तक नेक्स्ट जनरेशन GST रिफॉर्म लागू किया जाएगा, जिसका फायदा व्यापारियों के साथ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा. व्यापार जगत ने प्रधानमंत्री की इस घोषणा का गर्मजोशी से स्वागत किया है.
खंडेलवाल ने जताया प्रधानमंत्री का आभार
प्रधानमंत्री की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद और फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह कदम भारत सरकार की ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. रिफॉर्म के तहत कंप्लायंस के बोझ को घटाने और विभिन्न वस्तुओं पर कर दरों के संतुलन का प्रावधान होने की उम्मीद है.
उनका मानना है कि यह सुधार न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि स्टार्टअप और नए कारोबार के अवसर भी खोलेगा. कर दरों में संभावित कमी से उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी और बाजार में मांग बढ़ेगी.
देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
वहीं, फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेड्स एसोसिएशन (फेस्टा) के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा और अध्यक्ष राकेश यादव ने प्रधानमंत्री की इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि मौजूदा जीएसटी दरों की समीक्षा और टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाने से रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं पर टैक्स में भारी कमी आएगी.
पम्मा ने कहा कि छोटे और मध्यम उद्यमों को इन सुधारों से विशेष लाभ होगा, जिससे व्यापार करना आसान होगा, लागत घटेगी और सस्ती वस्तुओं से बाजार में मांग बढ़ेगी, जो देश की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देगी.
स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने में सरकार का सहयोग जरूरी
उनका मानना है कि टैक्स में कमी से स्वदेशी वस्तुएं सस्ती होंगी और विदेशी उत्पादों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. उन्होंने प्रधानमंत्री से बाजार सुधारों पर भी ध्यान देने की अपील की, जिसमें पार्किंग और सड़कों की स्थिति सुधारना शामिल है, ताकि ग्राहक आसानी से बाजार तक पहुंच सकें और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर विदेशी वस्तुओं के वर्चस्व को चुनौती दी जा सके.
पम्मा ने यह भी कहा कि सरकार को इंडस्ट्री के लिए लाइसेंस स्कीम को सरल बनाना चाहिए और अफसरशाही पर लगाम लगानी चाहिए, जिससे उद्योग बिना डर के पूरी क्षमता से काम कर सके और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा मिले.
8 सालों से जीएसटी की ऊंची दरों से जूझ रहे व्यापारी
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने भी प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत किया है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि देश और दिल्ली के 8 करोड़ व्यापारी पिछले आठ सालों से जीएसटी की ऊंची दरों और जटिल कानून-कायदों से जूझ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर पार्ट्स, ऑटो पार्ट्स और टू-व्हीलर पार्ट्स जैसी आम जरूरत की वस्तुएं फिलहाल 28% स्लैब में हैं, जबकि इन्हें 5% या 12% के स्लैब में लाया जाना चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिले.
जीएसटी की दरों की विसंगतियों पर CTI ने दिलाया ध्यान
गोयल ने खाद्य वस्तुओं की जीएसटी दरों में विसंगतियों की ओर भी ध्यान दिलाया, जैसे कि एक ही पैकिंग में मिलने वाली मिठाई, नमकीन, काजू, बादाम और स्नैक्स को अलग-अलग स्लैब में रखा गया है, जिससे फूड व्यापारियों को बिलिंग में परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि जीएसटी रिटर्न फाइल करना छोटे व्यापारियों के लिए बेहद कठिन है और इसके लिए उन्हें महंगे सीए शुल्क का भुगतान करना पड़ता है.
CTI का सुझाव तीन स्लैब में हो जीएसटी
सीटीआई का सुझाव है कि मौजूदा पांच स्लैब (0%, 5%, 12%, 18%, 28%) के स्थान पर केवल तीन स्लैब, 0%, 5% और 12% ही हो. 28% का स्लैब समाप्त किया जाए या इसे सिर्फ तंबाकू और लग्जरी गाड़ियों जैसी वस्तुओं तक सीमित किया जाए. व्यापार जगत ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश की आर्थिक प्रगति और व्यापार के माहौल को और मजबूत बनाएगा.
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