Sikh Sarpanch Prevented Entering Red Fort ; Reason Sikh Kakkar Kirpan Independence Day…

दिल्ली से मिला सम्मान दिखाते हुए सरपंच गुरध्यान सिंह।
स्वतंत्रता दिवस की परेड में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के नाभा ब्लॉक से दिल्ली आए सिख सरपंच को लाल किले में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। उन्हें राष्ट्रीय सम्मान के लिए बुलाया गया था और हाल ही में जल शक्ति विभाग की ओर से सम्मानित भी किया गया था। सरपंच गु
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दिल्ली से लौटकर गुरध्यान सिंह ने बताया कि कृपाण की वजह से उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया। वे नाभा ब्लॉक के गांव कलसाना के सरपंच हैं और उन्हें सेनिटेशन विभाग की ओर से सम्मानित किया गया था। उनके गांव में सॉलिड व वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं, टॉयलेट्स हैं और पब्लिक सेनिटेशन का पूरा प्रबंध किया जाता है।
हालांकि, जब वे लाल किले पर परेड देखने पहुंचे, तो पांच नंबर गेट से उनकी वीआईपी एंट्री थी, लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने कृपाण अंदर ले जाने की अनुमति न होने की वजह से उन्हें रोक दिया।
अपनी कृपाण दिखाते हुए गुरध्यान सिंह।
श्री साहिब उतारने के लिए कहा गया गुरध्यान सिंह ने बताया कि उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को सिख चिन्ह ककारों के बारे बताया था, लेकिन उन्हें उसे अंदर लेकर जाने से मना कर दिया। उनका कहना था कि कृपाण को बाहर उतार सकते हैं और वापसी पर उसे ले सकते हैं। लेकिन उन्होंने साफ किया कि उनका धर्म इसे उतारने की इजाजत नहीं देता है। जिसके बाद वे वहां से वापस आ गए। उन्होंने जनरल गैलरी में आम लोगों के साथ जाकर कुछ समय परेड देखी।
13 अगस्त को गांव से हुए थे रवाना गुरध्यान सिंह ने बताया कि उन्हें 13 से 17 अगस्त तक दिल्ली बुलाया गया था। 13 अगस्त को वह 11 बजे दिल्ली पहुंच गए थे। स्वतंत्रता दिवस के दिन भी वे 5 बजे लाल किला मैट्रो स्टेशन पहुंच गए थे, ताकि देरी ना हो। लेकिन, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उनकी बिल्कुल ना सुनी।
पहले भी हो चुकी घटनाएं हाल ही में सिख ककारों के चलते सिखों को सुरक्षा कारणों के कारण रोके जाने का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट भी पहुंचा है। 2014 और 2025 में राजस्थान ज्युडिशियरी परीक्षा में भी उसे सिख युवतियों को कृपाण व कड़े के कारण परीक्षा केंद्र में जाने से रोक दिया गया था। जिस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से विरोध भी जताया गया था।