राष्ट्रीय

अब दिल्ली वालों की नहीं छूटेगी फ्लाइट! UER-II से मिलेगी जाम से मुक्ति; PM मोदी आज देंगे 11 हजार…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (17 अगस्त 2025)  को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में करीब 11 हजार करोड़ रुपये की दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना शहरी विस्तार सड़क-2 (UER-2) के दिल्ली खंड और द्वारका एक्सप्रेसवे – का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम दोपहर 12:30 बजे दिल्ली के रोहिणी में आयोजित होगा. इस दौरान वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने शनिवार (16 अगस्त 2025) को घोषणा की कि उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रोहिणी में एक समारोह में इन दो प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा. पीएमओ ने कहा, “ये पहल प्रधानमंत्री मोदी के विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के दृष्टिकोण को दर्शाती हैं जो निर्बाध गतिशीलता सुनिश्चित करता है.”

दिल्ली-NCR वालों को मिलेगी जाम से मुक्ति

इन परियोजनाओं का उद्देश्य दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाना, यात्रा समय कम करना और राजधानी को भीड़भाड़ से राहत दिलाना है. इसके साथ ही यह प्रधानमंत्री मोदी के उस विजन को मूर्त रूप देंगे, जिसके तहत देश में विश्वस्तरीय अवसंरचना तैयार कर नागरिकों के जीवन को आसान बनाना और निर्बाध गतिशीलता सुनिश्चित करना है. 10.1 किलोमीटर लंबे इस खंड का निर्माण लगभग 5,360 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है.  

कहां से कहां तक होगा कनेक्ट?

यह खंड यशोभूमि, दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन व ऑरेंज लाइन, आगामी बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका क्लस्टर बस डिपो से बहु-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इसमें दो पैकेज शामिल हैं. पहले में शिव मूर्ति इंटरसेक्शन से द्वारका सेक्टर-21 के रोड अंडर ब्रिज तक 5.9 किलोमीटर का हिस्सा है. दूसरे पैकेज में द्वारका सेक्टर-21 आरयूबी से दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 4.2 किलोमीटर का हिस्सा है, जो सीधे अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 से जुड़ेगा.

UER-2 में 20 लाख टन कचरे का इस्तेमाल

गौरतलब है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के 19 किमी लंबे हरियाणा खंड का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 11 मार्च, 2024 को किया था. पूरे 28 किमी लंबे कॉरिडोर का निर्माण 8,611 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था. निर्माण में पर्यावरणीय पहलों को शामिल किया गया है, जिसमें गाजीपुर लैंडफिल से प्राप्त 20 लाख टन कचरे का उपयोग UER-2 के विकास में किया गया है, जिससे कचरे के पहाड़ की ऊंचाई सात मीटर कम हो गई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान इस पर जोर दिया था.

NHAI के अधिकारी ने क्या बताया?

NHAI के एक अधिकारी ने कहा कि हम टिकाऊ बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए राजमार्ग निर्माण में पुराने कचरे के जैव-खनन से प्राप्त निष्क्रिय सामग्रियों का उपयोग कर रहे हैं. अधिकारी ने आगे कहा कि मिट्टी, गाद, पत्थर और निर्माण मलबा जैसी ये निष्क्रिय सामग्रियां स्थिर हैं और तटबंधों को भरने, सबग्रेड लेयरिंग और सर्विस रोड के लिए उपयुक्त हैं.

ये भी पढ़ें: Indian Air Force: राफेल, F-15 या फिर Su-35… भारत अगले 2 महीने में 114 फाइटर जेट खरीदने का बनाएगा प्लान, किस पर लगाएगा दांव?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button