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Trial of AI traffic control at Fatehpura crossing in September, cameras will also detect…

शहर के फतहपुरा चौराहा पर ट्रैफिक व्यवस्था की कमान जल्द ही यातायात पुलिस की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के हाथ में होगी। सितंबर माह में इसका ट्रायल करने की तैयारी है। एआई से ट्रैफिक कंट्रोल का यह प्रदेश का पहला सिस्टम होगा। सिग्नल पर लगने वाले कै

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सिस्टम सुबह से रात के बीच अलग-अलग समय में रहने वाले ट्रैफिक दबाव की जानकारी भी देगा। एआई बेस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के साथ हर दिशा में कैमरे लगाए जाएंगे। ये ट्रैफिक दबाव की मॉनिटरिंग करेंगे। जिस सड़क पर वाहनों की संख्या ज्यादा होगी, वहां पहले हरी बत्ती हो जाएगी। वाहनों के निकलने के लिए समय भी अधिक दिया जाएगा। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की आवाज को पहचान कर यह सिग्नल को तुरंत ग्रीन कर देगा। पूरा एआई सिस्टम मोबाइल एप से कंट्रोल किया जा सकेगा। एक चौराहे पर इसे लगाने की लागत करीब 10 लाख रु. आएगी।

कलेक्टर नमित मेहता का कहना है कि 15 से 20 दिन में ट्रायल करवाया जाएगा। उधर, ट्रैफिक डीएसपी अशोक आंजना ने बताया कि कंपनी को सिस्टम का प्रेजेंटेशन देने के लिए कहा था। काफी समय तक नहीं दिया। इसलिए ट्रायल रुका था।

काउंटडाउन नहीं होगा, सिग्नल पर ज्यादा देर खड़ा नहीं रहना पड़ेगा

एआई ट्रैफिक सिस्टम में चौराहों पर वाहनों के रुकने और निकलने के लिए काउंटडाउन नहीं होगा। सिग्नल से इसे नियंत्रित किया जाएगा। काउंटडाउन में 3-4 सेकंड पहले ही वाहन जल्दबाजी में निकलना शुरू हो जाते हैं। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ जाती है। नए सिस्टम से वाहन चालकों को ज्यादा देर तक चौराहों पर खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। इससे पेट्रोल-डीजल की भी बचत होगी।

बता दें कि इस सिस्टम का जून में ट्रायल होना था। इसके लिए निजी कंपनी को कैमरे और एआई सिस्टम लगाने का काम दिया गया। लेकिन, जून अंत तक ये उपकरण नहीं आए। इससे ट्रायल नहीं हो पाया। इसके बाद कंपनी ने जुलाई में तैयारी पूरी कर प्रशासन से अनुमति मांगी, लेकिन नहीं मिली। अब 13 अगस्त को कंपनी की ओर से प्रशासन से अनुमति के लिए फिर से आग्रह किया गया।

इसलिए जरूरत…शहर में सुबह और शाम बढ़ जाता है ट्रैफिक का दबाव शहर में सूरजपोल, देहलीगेट, उदियापोल, कोर्ट सर्किल, शास्त्री सर्किल, दुर्गा नर्सरी, फतहपुरा, चेतक सर्किल, प्रतापनगर और ठोकर मुख्य चौराहे हैं। इन सभी चौराहों से रोजाना 10 लाख 6 हजार 519 वाहन गुजरते हैं। सुबह काम पर जाने, स्कूल वाहिनियों समेत अन्य वाहनों का दबाव रहता है। शाम को शहर में घूमने निकलने वाले और काम से घर लौटने वाले लोगों के कारण ट्रैफिक बढ़ जाता है। ऐसे कई चौराहों पर जाम की स्थिति रहती है। पर्यटकों और प्रतियोगी परीक्षा के दौरान ट्रैफिक जाम बड़ी समस्या बन जाता है।

दो प्रयोग फेल…ट्रैफिक लाइटें फिर से शुरू की, देहलीगेट से बैरिकेड हटाए उदयपुर के स्मार्ट सिटी की घोषणा के बाद निगम और पुलिस ने शहर में ट्रैफिक लाइटें बंद करने का प्रयोग किया था। इसके पीछे यह उद्देश्य था कि चौराहों-तिराहों से निकलने वाले वाहनों को रुकना न पड़े और वे निर्बाध रूप से चलते रहें। इसी दौरान यातायात पुलिस ने देहली गेट चौराहे पर बेरिकेड्स लगाकर एक नया प्रयोग भी किया था, जो कुछ समय बाद ही बंद करना पड़ा। ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने की शिकायतों के बाद हाल ही नगर निगम की ओर से सभी चौराहों पर नई लाइटें लगवाई गईं। अभी इनसे देहलीगेट, चेतक, फतहपुरा चौराहा और दुर्गानर्सरी तिराहा पर ट्रैफिक कंट्रोल किया जा रहा है।

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