स्वास्थ्य

these symptoms visible when one suffering from depression know how parents help

आज के समय में अधिकतर लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। आमतौर पर आपने देखा होगा कि बड़े-बुजुर्गों को डिप्रेशन होता है और इससे बचने के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर का बच्चा भी डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। जो बच्चे हंसते-खेलते रहते हैं, वह कब गुमसुम हो जाते हैं। यह उनके माता-पिता को पता ही नहीं चल पाते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि आज के समय में माता-पिता दोनों वर्किंग होते हैं। 

माता-पिता दोनों के वर्किंग होने पर वह बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं। कई बार इस कारण भी बच्चों को तनाव घेर लेता है। डिप्रेशन का शिकार होने पर बच्चा अन्य की तुलना में गुमसुम और सुस्त हो जाता है। उसको किसी भी काम को करने में सजा नहीं आता है। वह लोगों से मिलने और बात करने में कतराता है और वह चुपचाप और अकेला रहने लगता है।

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बता दें कि डिप्रेशन में जाने के बाद कुछ लक्षण नजर आते हैं। जिनको समय रहते पेरेंट्स को पहचानना जरूरी होता है। ऐसे समय पर माता-पिता को बच्चे को समय देना चाहिए और उनसे उनकी दिक्कतों के बारे में पूछना चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बच्‍चों में ड‍िप्रेशन के कुछ लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं।

डिप्रेशन का कारण

फैम‍िली ह‍िस्‍ट्री

डिलीवरी के समय कोई दिक्कत होना

घर में लड़ाई झगड़े का माहौल

मन में किसी बात का डर बैठना

Sexual Harrassment का श‍िकार होना

उदास होना

अगर आपका बच्चा उदास रहने लगा है, या फिर उसमें किसी भी काम को लेकर एक्साइटमेंट नहीं बची है। तो आपका बच्चा डिप्रेशन का शिकार हो चुका है।

खुद से बात करना

अगर आपके बच्चे ने खुद से बात करना शुरूकर दिया है, तो आपको उस पर ध्यान देने की जरूरत है। डिप्रेशन होने पर बच्चा अकेले बैठने लगता है और खुद से ही सवाल-जवाब करने लगते हैं। उनको किसी भी बात पर गुस्सा आता है, तो यह डिप्रेशन का लक्षण है।

चि‍ड़च‍िड़ा होना

डिप्रेशन होने पर बच्चा चिड़चिड़ा होने लगता है। वह छोटी-छोटी बात पर गुस्सा होने लगता है या फिर उसको अकेले रहना ज्यादा पसंद आने लगता है।

खाने में आनाकानी करना

जब बच्चा डिप्रेशन का शिकार होने लगता है, तो उनकी रोजाना वाली आदतों में बदलाव आने लगता है। यहां तक वह ठीक से खाना भी नहीं खा पाते हैं और कई बार वह खाना भी स्किप कर ेते हैं।

पेरेंट्स को क्या करना चाहिए

बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए।

बच्चे के मन की बात जानने का प्रयास करना चाहिए।

पेरेंट्स को बच्चे से खुलकर बात करनी चाहिए।

बच्चे के साथ कोई गेम खेलें।

पेरेंट्स को बच्चे को बाहर घुमाने लेकर जाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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