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मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्म उत्सव की धूम है। 10 लाख भक्त वृंदावन में मौजूद हैं। बांके बिहारी मंदिर के बाहर लंबी लाइनें हैं, कान्हा की जयकार लग रही है। लोग कहीं सिर पर सूप में कान्हा को लेकर जाते दिख रहे, तो कहीं ढोल-मंजीरे की थाप पर नाचते-गाते।
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मथुरा में करीब 3Km लंबी शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद ठाकुरजी की पोशाक गर्भगृह लाई गई। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से मथुरा में श्रीकृष्ण ‘ठाकुरजी’ के लिए गिफ्ट भेजे गए हैं। इनमें टॉफी, चॉकलेट और लड्डू शामिल हैं।
श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ठाकुरजी को अर्पित होने वाली पोशाक को 6 महीने में मथुरा के कारीगरों ने तैयार किया है। इसमें सोने-चांदी के तारों का इस्तेमाल किया गया है। कपड़े में इंद्रधनुष के 7 रंगों को रखा गया है। इसको पहनकर ठाकुरजी दिव्य और अलौकिक दिखेंगे।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की थीम पर सजाया गया है। जिस फूल बंगला में ठाकुरजी विराजेंगे, उसको सिंदूरी रंग के फूलों से सजाया गया है। ये फूल कोलकाता और बेंगलुरु से मंगाए गए हैं। यहीं से ठाकुरजी भक्तों को दर्शन देंगे। जन्मभूमि पर शनिवार सुबह 11.25 बजे CM योगी आदित्यनाथ पहुंचेंगे। 2.30 घंटे वो जन्म उत्सव में शामिल होंगे।
मथुरा में शोभायात्रा निकाली जा रही है। इसमें कलाकारों का एक ग्रुप डमरू वादन कर रहा है।
लोक कलाकार टूरिस्टों के सामने लोक नृत्य करते दिख रहे हैं।
जन्मभूमि पर पूजन का शेड्यूल जानिए
16 अगस्त की सुबह 5.30 होगी मंगला आरती श्रीकृष्ण जन्मभूमि में 15 अगस्त यानी आज शोभायात्रा निकाली जा रही है। इसमें शामिल भक्त मेघ धनु पोषाक ठाकुरजी को अर्पित करेंगे। इसको मथुरा के कारीगरों ने 6 महीने की मेहनत से तैयार किया है।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर 16 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। सुबह 5.30 बजे शहनाई, नगाड़ों की ध्वनि के बीच मंगला आरती होगी। 8 बजे कान्हा का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। 1 घंटे बाद 9 बजे से मंदिर के भागवत भवन में पुष्पांजलि कार्यक्रम होगा। इस दौरान श्रद्धालु गोविंद द्वार (गेट-3) से आ सकेंगे। दर्शन के बाद मुख्य द्वार (गेट-1) से बाहर जा सकेंगे।
वहीं, बांके बिहारी ठाकुरजी भी 15-16 अगस्त की रात दरमियानी रात 1.30 बजे से ही जगमोहन दर्शन देंगे। 16 अगस्त को 8 से 10 लाख श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन पहुंचेंगे।
बांके बिहारी मंदिर में लगातार भक्त दर्शन को पहुंच रहे हैं। ठाकुरजी जन्मोत्सव के बाद पीतांबर वस्त्र पहनेंगे।
बांके बिहारी मंदिर : सिर्फ 500 भक्त रहेंगे परिसर में बांके बिहारी मंदिर में ठाकुरजी के जन्म की सभी प्रक्रियाएं रात 12 बजे शुरू होंंगी। ठाकुरजी का दूध, दही, घी, शहद, इत्र और यमुना के जल से अभिषेक होगा। यह प्रक्रिया गर्भगृह में परदे की ओट में होती है। इसके बाद ठाकुरजी को पीतांबर वस्त्र पहनाए जाएंगे। फिर आभूषण पहनाए जाएंगे। रात में 1.30 से लेकर 2 बजे तक वह जगमोहन दर्शन देंगे। 16 अगस्त को पूरी रात दर्शन हो सकेंगे।
16 अगस्त की रात को होने वाली विशेष मंगला आरती में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे। 2022 में हुए हादसे के बाद से मंदिर परिसर में सिर्फ 500 श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे। बाकी श्रद्धालु कुंज गलियों में मौजूद रहेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने रूट डायवर्जन लागू किए हैं।
मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर क्या-कुछ हो रहा है, पल-पल के अपडेट के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…