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पाकिस्तान में कुदरत ने बरपाया कहर, बारिश ने मचाई तबाही; अब तक 200 से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान

पाकिस्तान और पीओके के कई हिस्सों में पिछले 36 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण कम से कम 214 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने शुक्रवार (15 अगस्त, 2025) को बताया कि अधिकांश मौतें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुईं, जहां मूसलाधार बारिश के कारण विभिन्न जिलों में अचानक बाढ़ आ गई.

बाढ़ से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान में काराकोरम राजमार्ग और बाल्टिस्तान राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गईं. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 21 अगस्त तक रुक-रुककर भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.

बुनेर जिले में सबसे अधिक 92 मौतें

प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान खैबर पख्तूनख्वा में अचानक आई बाढ़ के कारण 14 महिलाओं और 12 बच्चों सहित कम से कम 198 लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हैं. पीडीएमए के अनुसार बुनेर जिले में सबसे अधिक 92 मौतें हुईं. अन्य प्रभावित जिलों में मानसेहरा, बाजौर, बटाग्राम, लोअर दीर और शांगला शामिल हैं.

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि प्रांतीय सरकार के दो हेलीकॉप्टर लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे थे. उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे मोहमंद आदिवासी जिले में चालक दल के दो सदस्यों और तीन राहतकर्मियों की मौत हो गई. प्रांत के सभी अस्पतालों को जारी एक अधिसूचना में दवाओं की उपलब्धता और चिकित्सा उपकरणों की कार्यशीलता सुनिश्चित करने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का आदेश दिया गया.

स्वात और बाजौर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना का राहत अभियान जारी है तथा सेना की टीम बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर रही है. 

खैबर पख्तूनख्वा के CM ने क्या कहा ?
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अमीन अली गंडापुर ने बचाव और राहत कार्यों के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को तैनात करने का निर्देश दिया तथा मलकंद के आयुक्त और बाजौर के उपायुक्त को व्यक्तिगत रूप से कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया. पूर्वोत्तर की नीलम घाटी में भी बड़े पैमाने पर जनजीवन प्रभावित हुआ, जहां पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया.

कई पुल हुए ध्वस्त
बाढ़ में लावत नाले पर बने दो पुल बह गए, जबकि जागंरन नाले में उफान से कुंडल शाही में एक पुल ध्वस्त हो गया. क्षेत्र में एक रेस्तरां और कम से कम तीन मकान भी बह गए. पीओके के मुजफ्फराबाद जिले के सारली साचा गांव में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिससे एक ही परिवार के छह सदस्य मलबे में दब गए और उनके मारे जाने की आशंका है. सुधनोटी जिले में 26 वर्षीय युवक नाले में बह गया, जबकि बाग जिले में 57 वर्षीय महिला की घर गिरने से मौत हो गई.

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