Vice Presidential Election: NDA candidate will be decided on August 17 | उपराष्ट्रपति चुनाव: 17…

नई दिल्ली33 मिनट पहले
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उपराष्ट्रपति धनखड़ 21 जुलाई को राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे। इसके बाद शाम को खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA कैंडीडेट के नाम पर 17 अगस्त को मुहर लगेगी। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक 17 अगस्त को शाम 6 बजे होगी।जिसमें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। एनडीए शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नामांकन में भाग लेंगे।
उधर विपक्षी गठबंधन के नेता भी उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार पर चर्चा के लिए 18 अगस्त को बैठक कर सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे INDIA ब्लॉक के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे हैं।
उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए 9 सितंबर को वोटिंग होगी और उसी दिन मतगणना भी होगी। उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। 25 अगस्त तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकती है।
दरअसल, जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
भाजपा की तरफ से थावरचंद गहलोत सबसे प्रबल दावेदार भाजपा इस पद के लिए अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित कार्यकर्ता को उम्मीदवार बना सकती है। फिलहाल जिन नामों पर पार्टी में विचार चल रहा है, उनमें कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। अन्य नाम सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का भी है।
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। (फाइल फोटो)
संसद में NDA के पास बहुमत
- लोकसभा में कुल 542 सदस्यों में से NDA के पास 293 और I.N.D.I. गठबंधन के पास 234 सदस्य हैं।
- राज्यसभा में 240 सदस्यों की प्रभावी संख्या में से NDA को करीब 130 और I.N.D.I. गठबंधन को 79 सांसदों का समर्थन है।
- कुल मिलाकर NDA के पास 423 और INDIA ब्लॉक के पास 313 सांसदों का समर्थन है। शेष सदस्य किसी भी खेमे से जुड़े नहीं हैं।
गहलोत जातीय समीकरण में भी फिट
थावरचंद गहलोत अभी कर्नाटक के राज्यपाल हैं। 77 वर्षीय गहलोत राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके हैं साथ ही केंद्रीय मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। भाजपा में वे सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं। जातीय समीकरण (दलित) में भी वे फिट बैठते हैं। वह मध्य प्रदेश से हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है।
माथुर मोदी-शाह के करीबी
ओम माथुर अभी सिक्किम के राज्यपाल हैं। 73 वर्षीय माथुर पार्टी के कद्दावर नेता हैं और राजस्थान से आते हैं। वे गुजरात के चुनाव प्रभारी तब रहे हैं, जब पीएम मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे। वे मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं। माथुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक रह चुके हैं।
हरिवंश नारायण सिंह का जन्म 30 जून 1956 को UP के बलिया के सिताबदियारा गांव में हुआ। पेशे से पत्रकार रहे। 2014 में जदयू के टिकट पर बिहार से राज्यसभा सांसद चुने गए।
विपक्ष उतारेगा मजबूत प्रत्याशी भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है, प्रत्याशी का चयन ठोक बजाकर ही किया जाएगा, क्योंकि विपक्ष से भी कोई मजबूत प्रत्याशी उतारे जाने की पूरी संभावना है। ऐसे में NDA इस पद के लिए प्रत्याशियों के कद, अनुभव व जातीय समीकरण को प्राथमिकता देगी।
6 स्टेप में चुन जाते हैं उपराष्ट्रपति… स्टेप-1 : निर्वाचक मंडल का गठन करना
उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं।
स्टेप-2: चुनाव की अधिसूचना जारी होना
निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना में नामांकन, मतदान और परिणाम की तारीखें होती हैं। स्टेप-3: नामांकन प्रक्रिया
उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावक और 20 सांसदों द्वारा समर्थक के रूप में हस्ताक्षर के साथ नामांकन पत्र दाखिल करना होता है। स्टेप-4 : सांसदों के बीच प्रचार होता है
केवल सांसद मतदाता होते हैं। इसलिए यह प्रचार सीमित दायरे में होता है। उम्मीदवार और उनके समर्थक दल प्रचार में शामिल होते हैं।
स्टेप-5: मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी हर सांसद मतपत्र पर प्रत्याशियों को प्राथमिकता के क्रम में (1, 2, 3…) अंकित करता है।
स्टेप-6: मतों की गिनती और परिणाम
जीत के लिए कुल वैध मतों का साधारण बहुमत (50% से अधिक) प्राप्त करना होता है। रिटर्निंग ऑफिसर नतीजे की घोषणा करते हैं।
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जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा, स्वास्थ्य को वजह बताया
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्यागपत्र सौंपा था। उन्होंने लिखा था- स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। पूरी खबर पढ़ें…