कलाई में दर्द इन घातक बीमारियों की ओर करता है इशारा, तुरंत करा लें जांच

आर्थराइटिस: कलाई में लगातार दर्द और अकड़न आर्थराइटिस का शुरुआती लक्षण हो सकता है. यह जोड़ों की बीमारी है जिसमें सूजन और जकड़न बढ़ जाती है. समय पर इलाज न मिलने पर हाथों की पकड़ कमजोर हो सकती है.
कार्पल टनल सिंड्रोम: लैपटॉप, मोबाइल या लंबे समय तक टाइपिंग करने वालों में यह समस्या आम है. इसमें नस पर दबाव पड़ने से कलाई और हथेलियों में दर्द व झनझनाहट महसूस होती है. यह गंभीर रूप भी ले सकती है.
डायबिटीज़: कलाई में बार-बार होने वाला दर्द डायबिटीज़ का भी संकेत हो सकता है. शुगर लेवल असंतुलित होने से नसों और हड्डियों पर असर पड़ता है, जिससे दर्द बढ़ जाता है.
गाउट: यह एक तरह का आर्थराइटिस है जिसमें यूरिक एसिड क्रिस्टल्स जोड़ों में जमा हो जाते हैं. गाउट का असर अक्सर कलाई और उंगलियों में दिखाई देता है, जिससे सूजन और तेज दर्द होता है.
टेंडोनाइटिस: बार-बार एक जैसी गतिविधि करने या अचानक चोट लगने में सूजन हो जाती है. इससे कलाई में तेज दर्द और हिलाने-डुलाने में दिक्कत होती है.
हड्डियों का फ्रैक्चर या चोट: कभी-कभी मामूली सी गिरावट या चोट से कलाई की हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है. यह दर्द धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकता है अगर समय पर एक्स-रे और जांच न कराई जाए.
नसों की समस्या: कलाई दर्द कभी-कभी नसों की समस्या का भी परिणाम हो सकता है. इसमें हाथों में झनझनाहट, सुन्नपन और कमजोरी भी महसूस होती है, जो गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है.
Published at : 05 Sep 2025 06:18 PM (IST)