नाइट विजन में लैंडिंग, कोई हेलीपैड नहीं; लद्दाख में सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन, दो विदेशी नागरिकों…

भारतीय सेना ने गुरुवार (04 सितंबर, 2025) को लद्दाख के कोंगमारुला दर्रे में 17,000 फीट की ऊंचाई पर फंसे दो दक्षिण कोरियाई नागरिकों को निकालने के लिए तेजी से बचाव अभियान चलाया. हेलीकॉप्टर की मदद से बचाव दल ने उनका रेस्क्यू किया.
सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने बताया कि 4 सितंबर को रात करीब 8 बजकर 05 मिनट पर कैजुअल्टी इवैक्यूएशन मिशन का आदेश आया. इसके बाद 15 मिनट के अंदर हेलीकॉप्टरों को ठीक ऊंचाई वाले स्थान तक पहुंचने के कार्य में लगा दिया गया.
विदेशी नागरिकों को सेना ने किया एयरलिफ्ट
उन्होंने आगे बताया कि हेलीकॉप्टर रात करीब 9:15 बजे चोटी पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया, जहां बचाव दल ने फंसे हुए विदेशी नागरिकों को एयरलिफ्ट किया और उनकी सेहत को देखते हुए चिकित्सा अधिकारियों को सौंप दिया गया.
सेना के अनुसार, समय पर किया गया यह अभियान इलाके में तैनात सुरक्षा बलों की तत्परता और उनकी प्रतिक्रिया क्षमता को दिखाता है. इसने साबित कर दिया कि भारतीय सेना सिर्फ बॉर्डर पर दुश्मनों का सामना करते के लिए ही नहीं, बल्कि मानवता की रक्षक भी है.
घटना वाले स्थल पर कोई हेलीपैड नहीं
यह ऑपरेशन रात का समय होने के कारण काफी कठिन था. वहीं, चुनौतियां और बढ़ गई थी, क्योंकि यह दुर्गम इलाका 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां चारों ओर बर्फ से ढके खतरनाक शिखर हैं और अनियमित मौसम के कारण उड़ान संचालन बेहद कठिन हो जाता है.
नाइट विजन उड़ान और लैंडिंग ने मिशन को कठिन बना दिया. इतना ही नहीं, जहां विदेशी नागरिक फंसे हुए थे, वहां कोई तैयार हेलीपैड भी नहीं था. इसके बावजूद, सेना ने बिना समय गंवाए तेजी से कार्रवाई की. नाइट विजन गॉगल्स की मदद से सेना के पायलटों को सटीक लैंडिंग करनी पड़ी, जिसके लिए असाधारण उड़ान कौशल और परिस्थितियों की गहरी समझ की जरूरत थी.
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