India vs Pakistan Economy: जब दूसरे नंबर की इकॉनमी बनेगा भारत तब कहां होगा पाकिस्तान?

Indian Economy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारी-भरकम टैरिफ ने भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता पैदा कर दी है. सभी भारतीयों के मन में डर है कि कहीं अमेरिका की टैरिफ नीति भारत के आर्थिक विकास की गति को धीमा तो नहीं कर देगी. भारत को लेकर कई रिपोर्ट्स आई हैं, जिनमें इन सभी सवालों के जवाब हैं और वो ये कि इन टैरिफ का भारत के विकास पर कोई भी असर पड़ने वाला नहीं है. हाल ही में वैश्विक परामर्श कंपनी ईवाई ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि भारत साल 2038 तक खरीद शक्ति समानता (PPP) के आधार पर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
ईवाई से पहले Goldman Sachs भी भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं को लेकर रिपोर्ट जारी कर चुका है, जिसमें बताया गया कि जब भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, तब पाकिस्तान छठे नंबर पर होगा और दोनों की जीडीपी में चार गुना से भी ज्यादा का अंतर होगा. भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन कुछ ही सालों में वह तीसरे और दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगा. वहीं, पाकिस्तान 41वें नंबर पर है.
अभी की स्थिति
- भारत की जीडीपी: 4.187 ट्रिलियन डॉलर
- पाकिस्तान की जीडीपी: 377 बिलियन डॉलर
- भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से करीब 9 गुना बड़ी
आने वाले सालों का अनुमान
Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, 2075 तक भारत चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. उस समय भारत की जीडीपी 52.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. इसके मुकाबले पाकिस्तान 12.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ छठे नंबर पर रहेगा.
पाकिस्तान को भारत के आज के स्तर तक पहुंचने में लगेंगे 30–35 साल
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को भारत की मौजूदा जीडीपी (4.1 ट्रिलियन डॉलर) तक पहुंचने में ही 30 से 35 साल लग जाएंगे. 2050 तक पाकिस्तान की जीडीपी 3.3 ट्रिलियन डॉलर और 2060 तक 6.1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. यानी साफ है कि अगले 50 से 70 सालों में भी पाकिस्तान आर्थिक रूप से भारत की बराबरी नहीं कर पाएगा.
इसी साल भारत जापान को पीछे छोड़कर चौथे नंबर पर आ गया है. कई रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2028 तक भारत जर्मनी को भी पीछे कर देगा और तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा. इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है, फिर चीन, जर्मनी, भारत और जापान हैं.