CDS will be present in Gorakhnath temple today | CDS बोले-देश के लिए विचारधारा जरूरी, जैसे शरीर…

CDS अनिल चौहान गोरखपुर में महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित सेमिनार में शामिल हुए।
गोरखपुर (यूपी) में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा- भूमि राष्ट्र की भौतिक पहचान है। राष्ट्र की विचारधारा की सुरक्षा भी जरूरी है। एक राष्ट्र के संचालन के लिए विचारधारा उतनी ही जरूरी है, जितना शरीर के लिए खून। यह प्रशासनिक ढांचे को मजब
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जनरल चौहान ने कहा- दुश्मन परमाणु हथियारों से लैस है। सीमा विवाद सबसे बड़ी चुनौती है। आजादी के बाद से सीमा विवाद को लेकर कई लड़ाइयां हुईं। चीन के साथ सीमा विवाद सबसे बड़ी चुनौती है। फिर क्षेत्रीय अस्थिरता।
शुक्रवार को जनरल चौहान गोरखनाथ मंदिर में आयोजित ‘भारत के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां’ विषय पर आयोजित सेमिनार पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने ये बातें कहीं। इस दौरान सीएम योगी भी उनके साथ रहे। ये सेमिनार महंत दिग्विजयनाथ महाराज और अवैद्यनाथ महाराज की पुण्यतिथि पर हर साल आयोजित किया जाता है।
मंच पर सीएम योगी और CDS जनरल अनिल चौहान अलग-बगल बैठे थे।
CDS जनरल अनिल चौहान की 5 बड़ी बातें….
1. देश की सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भरता भी जरूरी
देश में चार तरह के खतरे होते हैं। आतंरिक खतरे। बाहरी खतरे। बाहरी सहयोग से उत्पन्न आतंरिक खतरे और आंतरिक सहयोग से उत्पन्न आतंरिक खतरे। मेरा मानना है कि किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा तीन स्तर पर देख सकते हैं।
तीन घेरे के रूप में। सबसे छोटा घेरा सैनिक तत्परता, उससे बड़ा घेरा राष्ट्रीय सुरक्षा और सबसे बड़ा घेरा राष्ट्र सुरक्षा है। ये तीनों घेरे एक साथ मिलकर काम करते हैं। सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है। इसे रक्षा अनुसंधान (रिसर्च) से भी जोड़ना चाहिए। भविष्य में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी की जरूरत पड़ सकती है।
2. युद्ध राजनीति का ही विस्तार है
जर्मन विद्वान ने कहा था कि युद्ध राजनीति का ही विस्तार है। इसके गहरे निष्कर्ष हैं। युद्ध और अंतरराष्ट्रीय राजनीति को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता। जब किसी भी देश की सरकार इस स्थिति में पहुंचती है कि सैन्य इस्तेमाल की जरूरत है तो सैन्य अधिकारी को आगे के लिए रणनीति बुलाया जाता है।
बालाकोट ऑपरेशन के बाद भारत ने लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार और पाकिस्तान ने एयर डिफेंस की जरूरत पर काम किया। उरी अटैक के बाद जमीनी मार्ग का सहारा लिया। पुलवामा हुआ तो एयर स्ट्राइक की। पहलगाम हुआ तो लोअर एयरस्पेस का सहारा लिया।
जनरल अनिल चौहान का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। उन्हें किताब भी भेंट की गई।
3. युद्ध का स्वरूप बदल रहा
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सिर्फ आतंकवादी घटनाओं का बदला लेना नहीं था। हम तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाकर रखने का काम करते हैं। इसमें सफलता मिली। तीनों सेनाओं की रिहर्सल जरूरी थी।
राष्ट्र के समक्ष चुनौतियां निरंतर बदलती रहती है। पहली चुनौती सीमा विवाद का है। चीन के साथ सीमा विवास सबसे बड़ी चुनती है। दूसरी चुनौती पाकिस्तान की ओर से है। भारत के पड़ोसी देश किसी न किसी अस्थिरता से गुजर रहे हैं।
युद्ध का स्वरूप बदल रहा है। हमारे विरोधी परमाणु हथियारों से लैस हैं। यह भी चुनौती है। किसी भी राष्ट्र के सैन्य क्षमता की मजबूती इस बात पर निर्भर करती है कि वहां की सरकार ने शांति काल में रक्षा क्षेत्र पर कितना खर्च किया।
4- नभ, जल, थल की तरह ही अब साइबर स्पेस में चुनौतियां
इस समय रोबोटिक्स का ट्रेंड नजर आता है। इसका इस्तेमाल तेजी से हो रहा है। भविष्य में यह तकनीक उपयोग में आ सकती है। आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। ऐसे ही आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चलेगा। ये नए नॉर्म है। इसे देखते हुए तीनों सेनाओं को नए तरीके अपनाने होंगे।
ऑपरेशन सिंदूर ऑफिशियल रूप से टर्मिनेट नहीं किया गया है। हमें हथियारों की रीच बढ़ानी होगी। नभ, जल, थल की तरह ही अब साइबर स्पेस में चुनौतियां होंगी। स्पेस में सर्विलांस का ध्यान रखना होगा। यह करने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना होगा। एयर डिफेंस में और ज्यादा मजबूत बनना पड़ेगा।
5- सुदर्शन चक्र मिशन से हमले का जवाब देंगे
सुदर्शन चक्र मिशन की चर्चा प्रधानमंत्री कर चुके हैं। यह मल्टी डिफेंस टूल होगा। इससे लोगों की रक्षा होगी और हमले का जवाब भी देगा। भारत में ही इसका विकास होगा। भारत 2047 तक विकसित बनने के लिए कदम बढ़ा रहा है।
उस समय तक भारत एक सशक्त भारत होना चाहिए। हम तैयारियां जारी रखें, आत्मनिर्भर बने तो कोई भारत को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता। हम सब मिलकर भारत के भविष्य के लिए काम करें।
योगी बोले- धरती के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी
सीएम योगी ने कहा- चाणक्य ने कहा था कि जहां आंतरिक सुरक्षा नहीं होती, वह अराजक राष्ट्र होता है। जल्द ही खत्म हो जाता है। पाकिस्तान उसका उदाहरण है। भारत इस मामले में सतर्क है। यहां बचपन से सीख दी जाती है कि भारत हमारी माता है, इसलिए इस धरती के साथ छेड़छाड़ कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता।
किसी ने छेड़छाड़ की, तो हर भारतवासी उसके खिलाफ खड़ा होगा। भगवान राम ने प्रण लिया था कि राक्षसों को समाप्त कर दूंगा। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि सुरक्षा के लिए जो खतरा बना है, उसे खत्म करके ही कोई राष्ट्र सुरक्षित बन सकता है।
आप सुख की नींद इसलिए सो रहे हैं, क्योंकि एक सैनिक मोर्चे पर माइन्स डिग्री तापमान में खड़ा होकर सुरक्षा कर रहा है। हमने दुश्मन को उसकी सीमाओं का एहसास कराया।
गोरखा युद्ध स्मारक के संग्रहालय का 4 सिंतबर को सीएम योगी और सीडीएस अनिल चौहान ने शिलान्यास किया था।
गोरखा म्यूजियम के शिलान्यास समारोह में भी शामिल हुए CDS
CDS गुरुवार (4 सितंबर) को गोरखपुर पहुंचे थे। गोरखा वॉर मेमोरियल के सौंदर्यीकरण और गोरखा म्यूजियम के शिलान्यास समारोह में शामिल हुए। इसके बाद शाम को गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे। वहां गुरु गोरखनाथ की पूजा की थी। CDS ने डिनर भी गोरखनाथ मंदिर में किया था।
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