India Monsoon 2025: अभी थमी नहीं तबाही! मानसून लाने वाला है बड़ी मुसीबत! IMD ने बताया क्यों इस…

इस साल भारत में मानसून ने अपने पूरे जोर के साथ दस्तक दी है. 1 जून से 2 सितंबर तक 780.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 721.1 मिमी से लगभग 8% अधिक है. अगस्त 2025 का महीना तो ऐतिहासिक रहा, जब दिल्ली सहित उत्तर भारत में 1901 के बाद 13वां सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड दर्ज हुआ. बारिश और बाढ़ से कई राज्य प्रभावित हुए. पंजाब, बिहार, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भारी वर्षा के चलते बाढ़ की स्थिति बनी. दिल्ली में अगस्त महीने में एक दशक का रिकॉर्ड टूट गया.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, 28 अगस्त से 3 सितंबर के बीच पूरे देश में 48% अधिक बारिश हुई. इस दौरान वास्तविक वर्षा 75.2 मिमी रही जबकि सामान्य वर्षा 49 मिमी होती है.
इतनी बारिश का कारण क्या है?
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि इस साल की अत्यधिक बारिश का मुख्य कारण मानसून ट्रफ की स्थिति है. मानसून ट्रफ समुद्र तल पर अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में बना हुआ है. यह निचले ट्रोपोस्फेरिक स्तर तक फैली है, जिसके कारण बड़े हिस्से में बारिश हो रही है. इसके अलावा, एक अन्य ट्रफ उत्तर-पूर्व अरब सागर से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है. इन दोनों ट्रफ लाइनों के कारण देशभर में बारिश का पैटर्न सामान्य से अलग हो गया और कई इलाकों में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है.
किन राज्यों में जारी हुआ IMD का अलर्ट है?
भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए कई राज्यों में भारी से अति भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है. उदाहरण के तौर पर गुजरात क्षेत्र में 4 से 6 सितंबर तक काफी बारिश होगी. इस कड़ी में सौराष्ट्र और कच्छ 6 और 7 सितंबर को बहुत ज्यादा बारिश होने की संभावना है. कोकण और गोवा मध्य महाराष्ट्र में 4 से 6 सितंबर भारी बारिश होगी, जबकि 4-5 सितंबर काफी ज्यादा बारिश होगी. वहीं मराठवाड़ा में 4 सितंबर को भारी बारिश होगी. उत्तर भारत में स्थिति राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश राज्यों में 4 से 10 सितंबर तक भारी बारिश होने की आशंका है. इसके अलावा मध्यप्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा में 4 से 6 सितंबर तक भारी बारिश होगी. पूर्वोत्तर राज्य की बात करें तो असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश में 4 से 10 सितंबर के बीच भारी वर्षा होगी. केरल, माहे समेत तमिलनाडु 4 सितंबर और 8-9 सितंबर को भारी बारिश होगी. साथ ही कई इलाकों में गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना भी जताई गई है.
भारी बारिश और बाढ़ का असर
इस मानसून ने जहां किसानों के लिए राहत दी है, वहीं कई जगहों पर फसलें नष्ट, सड़कें टूटना, घर ढहना और नदियों का खतरे के निशान से ऊपर बहना जैसी स्थितियां भी पैदा हुई हैं. हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन और सड़क अवरोध की घटनाएं बढ़ गई हैं. पंजाब और बिहार के निचले इलाकों में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है. दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में यातायात और जलजमाव की गंभीर समस्या देखने को मिली.