Water inflow in Dausa dams | दौसा में 12 बांध लबालब तो 11 ओवरफ्लो हुए: 20 साल में दूसरी बार…

दौसा के कालाखो बांध पर चादर चलने से पानी बाण गंगा नहीं में मिल गया है।
दौसा जिले में 20 साल बाद लगातार दूसरे साल हुई बारिश ने पूरे जिले को तरबतर कर दिया है। पिछले कई दिन से हो रही लगातार बारिश से बांधों में पानी की आवक बढ़ रही है। यहां दो दशक में इस बार सबसे ज्यादा बांध छलके हैं। शुक्रवार सुबह तक 39 में से 34 बांधों में
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जिले के सबसे बड़े मोरेल बांध पर 4 फीट की चादर चल रही है। ऐसे में जिले के मोरेल, रेडिया कालाखो, झिलमिली, दिवांचली, सिंथोली, हरिपुरा, महेश्वरा, भांकरी, नामोलाव व सूरजपुरा बांध पर चादर चल रही है। जो पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा बांधों पर चादर चली है। जबकि गेटोलाव बांध भी लबालब हो गया है।
बारिश के चलते कल को बांध ओवर फ्लो हो गया है, इससे 25 गांव के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा
2024 में हुई थी 190.86% बारिश
वहीं जिले में इस बार 664.92 एमएम औसत बारिश के मुकाबले अब तक 1056.96 एमएम (159%) बारिश हो चुकी है। यह पिछले 20 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा हुई है। पिछले साल भी 1234.87 (190.86%) बारिश हुई थी। हालांकि इस बार 4 सितंबर तक पिछले साल से ज्यादा बारिश हुई है।
पिछले साल 4 सितंबर तक 1024.27 मिमी बारिश हुई थी। जबकि इस बार 1056 मिमी बारिश हो चुकी है और अभी भी बारिश का दौर जारी है। अधिकांश एनीकट भी लबालब हो गए। मोरेल बांध पर 20 साल में तीसरी बार चादर चली है। इससे पहले वर्ष 2019 व 2024 में चादर चली थी। इसी प्रकार कालाखो व झिलमिली बांध भी तीसरी बार छलके हैं।
बांध | पूर्ण भराव गेज (मीटर) | वर्तमान गेज (मीटर) | ओवरफ्लो (इंच) | वर्तमान भराव (फीट) |
मोरेल डेम | 9.14 | 9.14 | 36 | 30 |
माधो सागर | 10.7 | 4.75 | 0 | 16 |
सैंथल सागर | 8.84 | 7.57 | 0 | 24 |
कालाखो | 5.33 | 5.33 | 2 | 17 |
झिलमिली | 4.72 | 4.72 | 12 | 15 |
बिनोली | 6.4 | 2.54 | 0 | 8 |
गेटोलाव | 2.44 | 2.44 | 0 | 8 |
राहुवास | 4.57 | 0 | 0 | 0 |
रेडिया डेम | 4.57 | 4.57 | 3 | 15 |
चांदराना | 4.27 | 2.74 | 0 | 9 |
भंडारी | 4.57 | 0.30 | 0 | 1 |
सिनोली | 4.57 | 2.18 | 0 | 7 |
खारली | 4.88 | 1.70 | 0 | 5 |
जगरामपुरा | 2.13 | 1.30 | 0 | 4 |
कोट | 3.05 | 1.37 | 0 | 4 |
सिन्थोली | 5.18 | 5.18 | 3 | 17 |
डिवांचली | 3.66 | 3.66 | 4 | 12 |
कोण्ड्रा | 3.1 | 0.30 | 0 | 1.74 |
रामपुरा | 1.83 | 1.42 | 0 | 4 |
हरिपुरा | 3.05 | 3.05 | 2 | 10 |
महेश्वरा | 2.92 | 2.92 | 6 | 9 |
भांकरी | 2.13 | 2.13 | 4 | 7 |
नामोलाव | 2.44 | 2.44 | 5 | 13 |
सूरजपुरा | 3.962 | 3.96 | 12 | 13 |
चुडास | 7.32 | 0 | 0 | 0 |
पापडदा | 3.66 | 1.83 | 0 | 6 |
बडियाल | 2.13 | 0.91 | 0 | 3 |
विजय सागर | 2.44 | 0.20 | 0 | 0 |
धपावन | 1.52 | 0.23 | 0 | 0 |
उपरेडा | 2.44 | 0.30 | 0 | 1 |
गुढा मुही | 1.52 | 0.15 | 0 | 0 |
रौंथ | 2.13 | 0.30 | 0 | 1 |
शीशवाडा | 3.51 | 0.61 | 0 | 2 |
समसपुर | 3.66 | 0.71 | 0 | 2 |
बडागांव खेडला | 2.44 | 1.68 | 0 | 5 |
सिकंदरपुर | 2.26 | 0.61 | 0 | 2 |
पावटा | 1.04 | 0.91 | 0 | 3 |
हुडला | 1.83 | 1.60 | 0 | 5 |
नाहरखोहरा | 2.44 | 0.64 | 0 | 2 |
कालाखोह बांध ओवरफ्लो, लोगों में खुशी लगातार बारिश के चलते कालाखोह बांध भी ओवरफ्लो हो गया है। लगातार दूसरे वर्ष बांध के लबालब होने पर इलाके के ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। कालाखोह बांध क्षेत्र के करीब 25 गांव के लिए लाइफ लाइन माना जाता है। ऐसे में इसके भरने के साथ ही आसपास गांवों के किसानों को अब फिर से गेहूं, सरसों की अच्छी फसलों की आस जगने लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि बांध भरने के बाद क्षेत्र के कालाखोह, रेटा, कैलाई, दुब्बी, भोजपुरा, बासड़ा सहित आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों को नहर के माध्यम से सिंचाई का पानी मिलता है।
रेहडिया बांध भी छलका बांदीकुई क्षेत्र का सबसे बड़ा रेहड़िया बांध भी छलक गया है। इसकी भरावत क्षमता 15 फीट है, जिस पर लबालब हो गया हैं रेहड़िया बांध में बुधवार को तेज बरसात के बाद इसमें 14.6 फीट पानी की आवक हुई थी। इसके बाद पहाड़ों से बांध में पानी की आवक लगातार जारी है। गुरुवार शाम को चादर चलना शुरू हुई और बांध की रपट से पानी बहने लगा।