लाइफस्टाइल

कहीं जाने-अनजाने Peacock Parenting तो नहीं करने लगे आप? बच्चों पर इसका पड़ता है निगेटिव असर

हर मां- बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा बेहतर करे. अच्छे नंबर लाए, अच्छी नौकरी करे और समाज में उसका नाम हो. हालांकि, कई बार पैरेंट्स की जरूरत से ज्यादा उम्मीद, बच्चों पर दबाव बन जाती है. इसका असर बच्चों की मेंटल और इमोशनल ग्रोथ पर पड़ता है, जो आगे चलकर एक समस्या के रूप में सामने आता है. चिंता की बात तो यह है कि कई बार अभिभावकों को पता ही नहीं होता कि वह इस तरह से अपने बच्चे पर जरूरत से ज्यादा प्रेशर डाल रहे हैं. 

आपने अक्सर देखा होगा कि कई पैरेंट्स दूसरों के सामने अपने बच्चों की जबरन तारीफ करते हैं. उनकी जीती हुई ट्रॉफियां, मेडल दिखाते हैं. शुरुआत में तो यह अच्छा लगता है, लेकिन इससे धीरे-धीरे बच्चों पर दबाव बढ़ने लगता है. उन्हें लगता है कि कहीं उनकी छोटी सी गलती मां-बाप की उम्मीद न तोड़ दे. आजकल इसी तरह की एक खास पेरेंटिंग भी काफी ज्यादा ट्रेंड में है, जिसे Peacock Parenting कहा जा रहा है. यह एक ऐसा तरीका है जो बच्चों के मेंटल और इमोशनल ग्रोथ को नुकसान पहुंचा सकता है. चलिए जानते हैं इसके बारे में…

Peacock Parenting क्या होता है?

Peacock Parenting का मतलब बच्चों को अपनी शान और समाज में नाम कमाने का जरिया बनाना होता है. जैसे मोर अपने रंग-बिरंगे पंख फैलाकर सबका ध्यान खींचता है, वैसे ही कुछ पेरेंट्स अपनी शान के लिए बच्चों को दूसरों के सामने इस तरह पेश करते हैं. शुरुआत में यह सिर्फ प्राउड दिखाने जैसा होता है, लेकिन धीरे-धीरे यह आदत बच्चों पर दबाव डालने लगती है. यानी कभी-कभी पेरेंट्स बच्चों को इस तरह पेश करते हैं जैसे वे उनके लिए कोई सामान हों, जैसे कि मेरा बेटा कितना अच्छा गाता है या मेरी बेटी ने कितने सारे मेडल जीते है. यह सब सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन अगर यह आदत बन जाए तो यह Peacock Parenting कहलाती है. 

कैसे Peacock Parenting से बच्चे की सोच पर असर पड़ता है?

Peacock Parenting का असर यह होता है कि बच्चे यह सोचने लग जाते हैं कि वे तभी अच्छे हैं जब लोग ताली बजाएं या उनकी तारीफ करें. इससे उनके कॉन्फिडेंस में कमी भी आती है. इसके अलावा बच्चे अंदर से कमजोर बनने लगते हैं. जब कोई तारीफ न करे तो उन्हें लगता है कि वे फेल हो गए. साथ ही इसके चलते बच्चे वही करते हैं जो पैरेंट्स या लोग पसंद करें, न कि जो उन्हें पसंद हो. Peacock Parenting से हर वक्त अच्छा करने का डर उनके मन में बैठ जाता है. ऐसे में इससे बचने के लिए जरूरी है कि बच्चे की अच्छाइयों और कमियों दोनों को प्यार दें. उसे यह महसूस कराएं कि उसे बिना शर्त के प्यार किया जाता है. हर बच्चे की अपनी अलग रफ्तार और टैलेंट होता है, उसे उसकी छोटी कोशिशों पर भी एप्रिशिएट करें. यही उनका कॉन्फिडेंस बढ़ाएगा. 

यह भी पढ़ें : क्या होता है Adolescence, जिसे लेकर बनी वेब सीरीज मचा रही धूम- जानें पेरेंट्स के लिए ये जानना कितना जरूरी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button