जीएसटी 2.0 के बाद पूरे जोश में रुपया, करेंसी की रिंग में मजबूत डॉलर को दी करारी शिकस्त

Dollar vs Rupee: भारतीय रुपये में पिछले दिनों में बड़ी गिरावट देखी गई और यह सबसे निचले स्तर पर चला गया था. हालांकि, उसके बाद इसने अब थोड़ी रिकवरी की है. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को वैश्विक कच्चे तेल के दाम में आई नरमी से भारतीय करेंसी को बल मिला. इसके बाद अमेरिकी डॉलर की तुलना में यह एक पैसे की बढ़त के साथ 88.11 के स्तर पर पहुंच गया.
रुपये में क्यों तेजी?
विदेशी मुद्रा कारोबारियों (Forex Traders) ने बताया कि विदेशी पूंजी की लगातार निकासी ने स्थानीय मुद्रा की बढ़त को सीमित कर दिया. हालांकि घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक धारणा ने भारतीय करेंसी को जबरदस्त समर्थन दिया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Foreign Currency Market) में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 88.11 पर खुला. इसके बाद 88.15 प्रति डॉलर पर लुढ़क गया. हालांकि जल्द वापसी करता हुआ 88.11 प्रति डॉलर पर आ गया जो पिछले बंद भाव से एक पैसे की बढ़त दर्शाता है. एक दिन पहले यानी गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.12 पर बंद हुआ था.
घरेलू बाजार में गिरावट
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.10 पर आ गया. घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई पर 30 अंकों वाले सेंसेक्स शुरुआती कारोबार 318.55 अंक की बढ़त के साथ 81,036.56 अंक पर जबकि निफ्टी 98.05 अंक चढ़कर 24,832.35 अंक पर पहुंच गया. हालांकि, शुक्रवार को शेयर बाजार में यह मजबूती नहीं रह पाई. कुछ देर बाद ही सेंसेक्स करीब 135 अंक तक गिर गया जबकि निफ्टी भी 24,700 के नीचे चला गया.
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66.89 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 106.34 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.