धोखाधड़ी मामले में शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, लुक आउट…

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा के खिलाफ एक व्यापारी से 60 करोड़ की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है. इसी मामले की जांच के दौरान EOW अब पति पत्नी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की तैयारी में है. सूत्रों ने बताया कि पुलिस इनके ट्रैवल लॉग देख रही है और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया जाएगा.
पैसों का फ्लो पता लगाने में जुटी पुलिस
एक अधिकारी ने आगे बताया की इस धोखाधड़ी का आरोप जिस कार्यकाल का है तब से लेकर उन पैसों का फ्लो कहां कहां हुआ है इसका पता लगाया जा रहा है ताकि पता चले कि पैसों का इस्तेमाल किस लिए हुआ है.
सूत्रों ने आगे बताया की जब इनका मामला NCLT में गया था उस दौरान जिस ऑडिटर ने ऑडिट किया था उसे भी समन कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है, फिलाहल फेस्टिवल और शहर में चल रहे आंदोलन के चलते पूछताछ नही हो पाई.
शिल्पा-राज पर 60 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
सूत्रों ने बताया कि व्यापारी दीपक कोठारी ने, आरोप लगाया है कि दोनों ने मिलकर उन्हें 60 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगाया. कोठारी का कहना है कि ये पैसा उन्होंने 2015 से 2023 के बीच बिज़नेस बढ़ाने के नाम पर दिया था, लेकिन असल में इसे निजी खर्चों में उड़ाया गया.
- 2015 में कोठारी से एक एजेंट, राजेश आर्या, मिले. उन्होंने अपना कनेक्शन शिल्पा-राज के Best Deal TV Pvt. Ltd. से बताया. कंपनी का दावा था हमारा ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म है, फैशन से लेकर हेल्थ प्रोडक्ट तक सब बिकता है. आर्या ने 75 करोड़ का लोन मांगा, 12% सालाना ब्याज़ पर. कंपनी में उस समय शिल्पा के पास 87% से ज्यादा शेयर थे.
- शुरुआत में लोन देने की बात थी, लेकिन टैक्स का बहाना बनाकर इसे “इन्वेस्टमेंट” बनाने का सुझाव दिया गया. होटल में मीटिंग हुई, वादा किया गया कि टैक्स भी कम लगेगा, ब्याज़ भी मिलेगा, पैसा टाइम से लौटेगा. भरोसा कर कोठारी ने अप्रैल 2015 में पहला किस्त, करीब 31.95 करोड़, ट्रांसफर कर दिया.
- टैक्स का मसला सुलझा नहीं, फिर भी सितंबर 2015 में दूसरा एग्रीमेंट बना और जुलाई 2015 से मार्च 2016 के बीच और 28.54 करोड़ ट्रांसफर कर दिए गए.
कुल मिलाकर 60 करोड़ 48 लाख 98 हजार 700 रुपए और ऊपर से 3 लाख 19 हजार 500 रुपए स्टाम्प ड्यूटी दी गई। बदले में शिल्पा शेट्टी ने अप्रैल 2016 में पर्सनल गारंटी भी दी। - सितंबर 2016 में शिल्पा ने अचानक डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। कुछ ही समय बाद पता चला कि कंपनी पर 1.28 करोड़ का इंनसॉल्वेंसी केस चल रहा है, जिसकी भनक भी कोठारी को नहीं दी गई थी। पैसा वापस मांगने पर बस टालमटोल करने लगे
- कोठारी का आरोप है कि 2015 से 2023 तक, शिल्पा, राज और उनके साथी मिलकर एक सोची-समझी साज़िश चला रहे थे. बिज़नेस के नाम पर पैसा लिया, लेकिन उसे निजी फायदे में लगा दिया. मुंबई पुलिस की EOW ने IPC की धारा 403, 406 और 34 के तहत FIR दर्ज कर ली है.
शिकायतकर्ता के वकील ने क्या किया दावा
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ दायर मामले में शिकायतकर्ता दीपक कोठारी के वकील जैन श्रॉफ का कहना है कि उनके मुवक्किल से शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने 2015 में बेस्ट डील टीवी कंपनी को खड़ा करने के लिए 60 करोड़ रुपए बतौर लोन मांगे थे. जब शिकायतकर्ता लोन देने को तैयार हुए तब शिल्पा और राज में उन्हें कहा कि आप कंपनी में इन्वेस्ट करें ताकि आपका टैक्स बचेगा. इसे लेकर एक एग्रीमेंट भी साइन किया गया जिसमें कहा गया कि जितने भी पैसे शिकायतकर्ता उस कंपनी में लगाएंगे वह 5 साल के अंदर 12% के प्रॉफिट के साथ उन्हें लौटा दिए जाएंगे. शिल्पा शेट्टी ने उन्हें पैसे लौटाने के लिए पर्सनल गारंटी भी दी थी।.
शिकायतकर्ता के वकील के मुताबिक 60 करोड़ देने के कुछ महीने बाद ही महज़ एक करोड़ के लिए कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया और एनसीएलटी में मामला चल गया. इस दौरान शिकायतकर्ता का कहना है कि वह अपने पैसे शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा से मांगते रहे जिसमें जिसके बाद उन्हें कहा गया कि उनके पास शिल्पा शेट्टी की दी हुई पर्सनल गारंटी है इस वजह से पैसे आज या कल उन्हें वापस एग्रीमेंट के टर्म पर लौटा दिए जाएंगे.
लेकिन जब पैसे 9 साल तक नहीं लौटे तब शिकायतकर्ता ने पहले जुहू पुलिस थाने में शिकायत की और बाद में यह मामला इकोनामिक ऑफेंस विंग में ट्रांसफर हुआ. करीब 1 साल तक प्रारंभिक जांच के बाद मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शिल्पा शेट्टी और उनके पति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि उनके द्वारा दिए गए पैसों का शिल्पा और राज ने अपने निजी खर्चे के लिए इस्तेमाल किया हैय
शिल्पा शेट्टी के वकील का क्या कहना है?
शिल्पा शेट्टी के वकील प्रशांत पाटिल का कहना है कि उनके क्लाइंट पर लगे सारे आरोप झूठे हैं. जब कंपनी दिवालिया होती है तो एनसीएलटी में मामला चलता है और जिनके भी पैसे बाकी रहते हैं वह एनसीएलटी के सामने जाकर अपने पैसों की रिकवरी के लिए अर्जी देते हैं जो कि शिकायतकर्ता ने कभी नहीं किया. शिल्पा के वकील के मुताबिक शिकायतकर्ता उस कंपनी में पार्टनर थे। शिकायतकर्ता के बेटे उसे कंपनी में बतौर डायरेक्ट के पद पर थे. शिल्पा और शिकायतकर्ता के बीच में इक्विटी एग्रीमेंट साइन हुआ था जिसका मतलब यह है कि अगर प्रॉफिट होता है तब भी दोनों में बटेगा और अगर नुकसान होता है तब भी दोनों में बटेगा.
पर्सनल गारंटी के ऊपर शिल्पा के वकील का कहना है कि अगर उनके पास इस तरह की कोई डॉक्यूमेंट है तो वह कोर्ट में रखे जाएंगे और कोर्ट इस पर फैसला करेगा. वही इन्वेस्टमेंट के लिए दिए गए पैसों का पर्सनल इस्तेमाल करने पर शिल्पा के वकील का कहना है कि कोई भी कंपनी एस्टेब्लिश होती है तो उसके प्रमोशन के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है कई जगह जाना पड़ता है और भी कई खर्च ब्रांड को मजबूत करने के लिए किए जाते हैं. इन्हीं खर्चों को शिकायतकर्ता शिल्पा और राज का पर्सनल एक्सपेंस बता रहे हैं.
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