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शहबाज-मुनीर ने ‘सीक्रेट मीटिंग’ में कर ली इमरान की किस्मत पर ‘ताला’ लगाने की तैयारी, नवाज शरीफ…

Asim Munir-Shahbaz Sharif: पाकिस्तान के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच एक गुप्त रणनीति को लेकर चर्चा है, जो साल 2030 तक देश की सत्ता पर उनका प्रभाव बनाए रखने का लक्ष्य रखती है. 

नवाज शरीफ और असीम मुनीर ने मिलकर 10 साल के लिए योजना तैयार की है, जिसके लागू होने पर पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य ताकत का संतुलन उसी दिशा में रहेगा, जिस तरह शरीफ परिवार और असीम मुनीर को फायदा मिलेगा. 

नवाज शरीफ पर हुई अहम बैठक

सीएनएन न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना मुर्री स्थित नवाज शरीफ के निजी फार्महाउस में आयोजित एक बंद कमरे की बैठक में तैयार की गई. इस बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज, फील्ड मार्शल असीम मुनीर और ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक शामिल थे. बैठक में पाकिस्तान में स्थिरता बनाए रखने और सैन्य पॉलिटिकल फैसलों में साझा नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए इस 10 साल की रणनीति पर सहमति बनी.

सूत्रों के अनुसार, इस योजना के तहत नवाज शरीफ के घर ही सरकार की सत्ता केंद्रित रहेगी, जबकि असीम मुनीर की ताकत और बढ़ जाएगी. खासकर सैन्य नियुक्तियों, आईएसआई और अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा पदों पर निर्णय राजनीतिक और सैन्य सहमति से लिए जाएंगे. यह कदम पाकिस्तान के हाइब्रिड गवर्नेंस मॉडल की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है.

असीम मुनीर का बाद सकता है कार्यकाल

असीम मुनीर का वर्तमान कार्यकाल इस साल नवंबर में समाप्त होने वाला है, लेकिन पाकिस्तान आर्मी एक्ट 1952 में संशोधनों के तहत उनके कार्यकाल को पांच साल के लिए बढ़ाने की चर्चा है. यदि यह लागू होता है, तो असीम मुनीर 2030 तक सत्ता में बने रह सकते हैं. इससे पहले उनके पूर्ववर्ती कमर जावेद बाजवा को भी कार्यकाल विस्तार मिला था, जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के राजनीतिक कद को सीमित किया था.

इमरान खान का भविष्य पर खड़े हुए सवाल

बैठक में इमरान खान के भविष्य पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार, नवाज, शहबाज और असीम मुनीर ने तय किया है कि इमरान खान को किसी भी तरह की रियायत या राजनीतिक राहत नहीं दी जाएगी. इमरान खान, जो कई मामलों में सजा भुगत रहे हैं और लगातार सेना और शरीफ परिवार पर आरोप लगाते रहे हैं, अब शायद जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.

इस रणनीति के लागू होने से पाकिस्तान में सत्ता का केंद्रीकरण शरीफ परिवार और असीम मुनीर के हाथ में होगा, जिससे सेना और सरकार का तालमेल एक साझा दिशा में काम करेगा और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा बदलाव आएगा.

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