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चीन के इन ब्रह्मास्त्रों ने उड़ाई ट्रंप की रातों की नींद, ड्रैगन ने निकाली तबाही के हथियारों की…

China Military Parade: चीन की सैन्य शक्ति तेजी से बढ़ रही है और हाल ही में बीजिंग के तियानानमेन स्क्वायर में आयोजित भव्य सैन्य परेड ने दुनिया का ध्यान खींचा. इस परेड में चीन ने अपने कई उन्नत हथियारों का प्रदर्शन किया, जिनमें से कुछ अमेरिका महाद्वीप तक पहुंचकर हमला करने की क्षमता रखते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस परेड से बेहद नाराज दिखे और इसे चीन, रूस और उत्तर कोरिया की अमेरिका के खिलाफ दोस्ती और साजिश मान रहे हैं.

जानें चीन के पास कौन से हैं खतरनाक हथियार

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है. 2025 तक चीन के पास लगभग 600 परमाणु हथियार होने का अनुमान है, जो लगातार बढ़ रहे हैं. ये हथियार मुख्य रूप से बैलिस्टिक मिसाइल, पनडुब्बियां और बॉम्बर विमान में तैनात हैं. इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) DF-31A और DF-41 अमेरिका के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकती हैं. DF-41 में कई स्वतंत्र हेड्स (MIRV) हैं और इसकी रेंज 11,000 से 15,000 किलोमीटर है. पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली JL-3 बैलिस्टिक मिसाइल अमेरिका के तटों तक गुप्त रूप से हमला कर सकती है. हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल DF-17 अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भेद सकती है, क्योंकि यह बेहद तेज और मैन्यूवरेबल है.

हवाई हमला करने वाले H-6N बॉम्बर विमान लंबी दूरी तय कर सकते हैं और क्रूज मिसाइल या परमाणु हथियार गिरा सकते हैं. FOBS (फ्रैक्शनल ऑर्बिटल सिस्टम) अंतरिक्ष से अमेरिकी चेतावनी सिस्टम को चकमा दे सकती हैं और दक्षिण ध्रुव से हमला कर सकती हैं. ये सभी हथियार चीन की एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल (A2/AD) रणनीति का हिस्सा हैं, जो अमेरिकी नौसेना को चीन के पास आने से रोकने में सक्षम हैं.

हालांकि अमेरिका के पास अभी भी 5,000 से अधिक परमाणु हथियार हैं, चीन की तेजी से बढ़ती क्षमता वैश्विक सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है. DF-41 मिसाइल अमेरिका के बड़े शहरों जैसे न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स तक पहुंच सकती है. JL-3 पनडुब्बी से लॉन्च होती है और अमेरिकी तटों के पास गुप्त रूप से रह सकती है.

जानें क्या हैं ICBM और SLBM 
ICBM DF-31A/DF-41 जमीन से लॉन्च होती हैं. DF-41 10 से अधिक वॉरहेड्स ले जा सकती है, जो एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला कर सकती हैं. इसकी रेंज इतनी अधिक है कि चीन से लॉन्च होकर 30-40 मिनट में अमेरिका तक पहुंच सकती है. हालांकि अमेरिका के पास THAAD जैसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम इसे रोकने की क्षमता है.

SLBM JL-3 पनडुब्बी से पानी के भीतर लॉन्च होती हैं. यह अचानक अमेरिका के तटों पर हमला कर सकती है, क्योंकि पनडुब्बी का पता लगाना मुश्किल है. चीन के पास इस समय छह ऐसी पनडुब्बियां हैं और टाइप 096 पनडुब्बी आने वाली है, जिसमें 24 मिसाइलें तैनात की जा सकेंगी.

हाइपरसोनिक और FOBS तकनीक भी उड़ा सकती है होश

हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की पांच गुना गति से उड़ती हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. FOBS प्रणाली अंतरिक्ष से अमेरिका को चकमा दे सकती है. ये तकनीकें अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को बेअसर कर सकती हैं.

सैन्य परेड में हुआ हथियारों का प्रदर्शन

3 सितंबर 2025 को द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर जीत की 80वीं वर्षगांठ पर चीन ने भव्य सैन्य परेड आयोजित की. इसमें 50,000 से अधिक सैनिक, टैंक, मिसाइलें और ड्रोन शामिल थे. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन धमकियों से नहीं डरता. परेड में DF-5C ICBM, हाइपरसोनिक मिसाइलें (YJ-21, DF-17), लेजर एयर डिफेंस सिस्टम और रोबोट डॉग ड्रोन जैसे नए हथियार दिखाए गए.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के किम जोंग उन भी पहली बार एक साथ इस परेड में शामिल हुए. अन्य मेहमानों में ईरान के राष्ट्रपति और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शामिल थे. अमेरिका और पश्चिमी देशों के कोई बड़े नेता परेड में शामिल नहीं हुए.

ट्रंप ने जताई नाराजगी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि वे इसे रूस, चीन और उत्तर कोरिया की अमेरिका के खिलाफ साजिश मानते हैं. उनका मानना है कि यह गठबंधन यूक्रेन युद्ध और ताइवान तनाव में अमेरिका के सामने चुनौती पेश कर रहा है. ट्रंप ने परेड को “बहुत प्रभावशाली” बताया, लेकिन इसे अमेरिका को दिखाने के लिए आयोजित किए जाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका की मदद का उल्लेख करना चाहिए था, लेकिन शी जिनपिंग ने इसका जिक्र नहीं किया. इसके साथ ही ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति और परेड के राजनीतिक संदर्भ को जोड़ते हुए कहा कि चीन को वैश्विक नेता के रूप में प्रस्तुत करने का यह प्रयास उनकी विदेश नीति की असफलता को उजागर करता है. ट्रंप ने बाद में कहा कि परेड खूबसूरत थी, लेकिन यह अमेरिका को दिखाने के लिए किया गया. क्रेमलिन ने इस साजिश के आरोप को खारिज कर दिया.

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