मल्लिकार्जुन खरगे का GST काउंसिल के फैसले पर बड़ा बयान, बोले- ‘कांग्रेस पहले से ही…’

GST काउंसिल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए, जिसमें 2 स्लैब को हटाने का फैसला लिया गया. अब सिर्फ दो ही स्लैब रहेंगे, जो 18 और 5 फीसदी के हैं. फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि लगभग एक दशक से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस GST के सरलीकरण की मांग कर रही है. मोदी सरकार ने One Nation, One Tax को One Nation, 9 Taxes बना दिया था, जिसमें 0%, 5%, 12%, 18%, 28% के Tax Slabs शामिल थे और 0.25%, 1.5%, 3% व 6% की विशेष दरें थीं.
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में Income Tax वसूली में 240% की वृद्धि हुई और GST वसूली में 177% की बढ़ोतरी हुई. ये अच्छी बात है कि 8 वर्ष देर से ही सही GST पर मोदी सरकार की कुम्भकरण की नींद खुली और उन्होंने जागकर Rate Rationalisation की बात की है. सभी राज्यों को 2024-25 को आधार वर्ष मानकर 5 वर्षों की अवधि के लिए Compensation दिया जाए, क्योंकि दरों में कटौती से उनके राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है. GST के जटिल Compliances को भी ख़त्म करना होगा, तभी सही मायने में MSMEs और छोटे उद्योगों को फ़ायदा पहुंचेगा.
कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 और 2024 के घोषणापत्रों में सरल और तर्कसंगत कर व्यवस्था के साथ GST 2.0 की मांग की थी. हमने GST के जटिल Compliances को भी सरल बनाने की मांग की थी, जिससे MSMEs और छोटे व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए थे. 28 फ़रवरी 2005 को Congress-UPA सरकार ने लोक सभा में GST की औपचारिक घोषणा की थी. 2011 में जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुख़र्जी जी GST Bill लेकर आए तब भाजपा ने उसका विरोध किया था. जब मोदी जी मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने GST का घोर विरोध किया था. आज यही भाजपा सरकार रिकॉर्ड GST Collections का जश्न मनाती है, जैसे कि आम जनता से टैक्स वसूलकर उसने कोई बहुत बड़ा काम किया हो.
बीजेपी पर कांग्रेस अध्यक्ष का निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर टैक्स लगाया गया है. इस मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र की कम से कम 36 वस्तुओं पर GST थोपा था. दूध-दही, आटा-अनाज, यहां तक कि बच्चों की पेन्सिल-किताबें, ऑक्सीजन, insurance और हस्पताल के खर्च जैसी रोजमर्रा की चीज़ों पर भी मोदी सरकार ने GST टैक्स थोपा. इसीलिए हमने भाजपा के इस GST को गब्बर सिंह टैक्स का नाम दिया. कुल GST का दो-तिहाई यानी 64% हिस्सा गरीबों और मध्यम वर्ग की जेब से आता है, लेकिन अरबपतियों से केवल 3% GST वसूला जाता है, जबकि Corporate Tax की दर 30% से घटाकर 22% कर दी गई है.
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