Pitru Paksha 2025: उड़द दाल, काले चने और चावल से पितरों को करें प्रसन्न! जानें श्राद्ध के अचूक…

Pitru Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का समय बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. इस समय हम अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं. यह आश्विन कृष्ण प्रतिपदा की तिथि से शुरू होता है जिसका समापन आश्विन कृष्ण अमावस्या के दिन होता है, इसलिए इसे प्रतिपदा श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है.
पितृ पक्ष लगभग 14 से 16 दिनों तक चलता है. इसके दिन घट या बढ़ भी सकते हैं. यह समय पितृ दोष से छुटकारा पाने और उन्हें प्रसन्न करने का सबसे उत्तम समय रहता है. लोग पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय करते हैं, मगर उड़द दाल, काले चने और चावल का उपाय सबसे अधिक फायदे मंद माना गया है.
आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष कब से है और इस उपाय से क्या लाभ होता है?
क्या है उड़द दाल, काले चने और चावल का महत्व
पितृ पक्ष के दौरान उड़द दाल, काले चने और चावल इन तीनों चीजों का बहुत महत्व है. इनका उपयोग श्राद्ध के समय कर्म और पिंडदान करने में विशेष तौर पर होता है और शास्त्रों में भी इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है.
उड़द दाल का महत्व
शास्त्रों के अनुसार पितरों को काले रंग की चीजें पसंद आती है, जिस वजह से उन्हें उड़द की दाल बहुत प्रिय है. यह दाल भी रंग रूप में काली ही होती है. श्राद्ध के वक्त उड़द की दाल का इस्तेमाल पिंड बनाने, दान-पुण्य करने या भोजन में उपयोग किया जाता है.
यह दाल पितृ दोष को हटाने और तामसिक स्वभाव को शांत करने में भी मदद करती है. इसलिए इस दाल का विशेष महत्व है.
काले चने का महत्व
पितरों को काले चने कृष्णवर्ण होने की वजह से अत्यंत प्रिय है. काले चनों को श्राद्ध के दौरान शामिल किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार यह पितरों की भूख को शांत करता है और ब्राह्मणों को दान करने के भी काम आता है. इसका इस्तेमाल विशेषकर असामयिक मृत्यु वाले पितरों को शांत करने के लिए किया जाता है.
चावल का महत्व
हिंदू परंपराओं में चावल को अत्यंत पवित्र और सात्त्विक अन्न माना गया है. श्राद्ध और पिंडदान में इसका स्थान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. विशेषकर सफेद चावल को तिल के साथ मिलाकर पिंड तैयार किया जाता है, जिसे पितरों को अर्पित किया जाता है.
धार्मिक मान्यता है कि चावल शांति, संतुलन और पवित्रता का प्रतीक है. यही कारण है कि इसे अर्पित करने से पूर्वजों की आत्मा को संतोष प्राप्त होता है और उनके मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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