Sankashti Chaturthi 2025: गणेश विसर्जन के बाद क्यों खास मानी गई है विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी ?

Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2025: गणेश विसर्जन 6 सितंबर को है, गणेश जी को विदा देने के बाद बप्पा के भक्तों को उनके अगले बरस आने का इंतजार रहता है. गणेश विसर्जन के बाद बप्पा की पूजा के लिए सबसे खास दिन होता है अश्विन माह की संकष्टी चतुर्थी जो इस साल 10 सितंबर 2025 को है.
इसे विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. गणेश उत्सव के बाद विघ्नराज संकष्टी क्यों खास मानी गई है आइए जानते हैं.
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2025 मुहूर्त
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 10 सितंबर को दोपहर 3.37 से शुरू होकर 11 सितंबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर होगा.
- गणेश जी पूजा का समय – सुबह 6.04 – सुबह 7.37
- सुबह 7.37 – सुबह 9.11
- शाम 4.58 – शाम 6.32
- चंद्रोदय समय – रात 08.06
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी महत्व
गणेश उत्सव के दौरान 10 दिन तक बप्पा भक्त के भक्त धूमधाम से ये पर्व मनाते हैं. ऐसे में गणेश विसर्जन के बाद ये पहला व्रत होता है जो गणपति जी को समर्पित है, इसलिए इसकी विशेष मान्यता है. विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत संतान प्राप्ति, स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति के लिए भी बहुत फलदायी माना जाता है. संकष्टी चतुर्थी का अर्थ ही संकटों को हरने वाली चतुर्थी है, इसलिए यह व्रत जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है.
सुख-समृद्धि में वृद्धि – संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से घर परिवार में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि बनी रहती है.
नकारात्मकता का नाश – सच्चे मन से गणपति बप्पा की आराधना करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
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