बीड गणपति मंदिर की अनोखी परंपरा! छत से फेंका जाता है प्रसाद, छाते में लेते हैं भक्त!

Beed Ganpati Mandir: हर जगह आस्था के अलग-अलग रंग होते हैं. हर रंग अपने आपमें काफी खास होने के साथ महत्वपूर्ण भी है. महाराष्ट्र के बीड गणपति मंदिर में भी आस्था से जुड़ी ऐसी ही कहानी देखने को मिलती है.
हम सभी भगवान का प्रसाद हाथों में लेकर ग्रहण करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि प्रसाद का वितरण छत से फेंक कर दिया जाएं और इस प्रसाद को हाथों से नहीं बल्कि उल्टे छाते में लिया जाए. बीड जिले में भगवान गणेश का एक ऐसा ही मंदिर है.
100 वर्ष प्राचीन परंपरा
गणेश जी के इस मंदिर की परंपरा काफी अनोखी है. 100 वर्ष प्राचीन परंपरा के मुताबिक गणपति बप्पा की पूजा के बाद प्रसाद छत से फेंका जाता है. इस प्रसाद को लेने के लिए भक्त उल्टा छाता लेकर खड़ा होते हैं.
गणेशोत्सव के अलग-अलग रंगों में एक अनोखा रंग महाराष्ट्र के बीड का भी है. यहां की परंपरा भी काफी अलग है. मंदिर में प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलती है. लेकिन गणेश जी के इस मंदिर के आसपास बने घरों से प्रसाद भक्तों को दिया जाता है, जिसे श्रद्धालु छतरी उल्टी करके स्वीकार करते हैं.
समय के साथ बदलती परंपराएं
बीड गणपति मंदिर में ये प्राचीन परंपरा 100 सालों से ज्यादा पुरानी है. बीड के इस मंदिर में गौरी पूजन के दौरान बड़ी मात्रा में प्रसाद बनाया जाता है, जिसे मंदिर के पुजारी श्रद्धालुओं को फेंककर प्रसाद का वितरण करते हैं. सालों पहले प्रसाद को पगड़ी या धोती में स्वीकार किया जाता था. समय के साथ बदलती परंपरा में लोगों ने छतरी उल्टी कर प्रसाद स्वीकार करना शुरू किया.
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