राज्य

Huge crowd gathered at Logistics Department offices from morning till evening, 1.01 lakh people…

रसद विभाग कार्यालयों पर सुबह से शाम तक उमड़ी भारी भीड़

झुंझुनूं जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकारी गेहूं का वितरण अब पूरी तरह आधार और ई-केवाईसी पर निर्भर हो गया है। जिले में 92.21 प्रतिशत यानी 12 लाख 6 हजार 356 लोगों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी भी 1 लाख 1 हजार 905 लोग इस प्रक्रिया से

.

आधार सीडिंग में फंसा काम

ई-केवाईसी से पहले अनिवार्य आधार सीडिंग ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। जिलेभर के लाभार्थी आधार सीडिंग के लिए रसद विभाग के कार्यालयों में लाइन में लग रहे हैं। अक्सर नेटवर्क की समस्या और सर्वर डाउन होने के कारण लोग कई-कई घंटे खड़े रहते हैं। कई बार नंबर ही नहीं आता और उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है।

रसद विभाग कार्यालय के बाहर आधार सीडिंग और ई-केवाईसी कराने के लिए लगी लंबी कतारें, घंटों इंतजार के बाद भी नंबर नहीं आने से परेशान लोग।

विभाग की सख्ती: बिना ई-केवाईसी गेहूं नहीं

जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने साफ कहा है कि “अब जिसने भी ई-केवाईसी नहीं करवाई है, उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। पहले आधार सीडिंग, फिर ई-केवाईसी और उसके बाद ही गेहूं वितरण होगा।” विभाग ने राशन डीलरों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने कार्डधारकों को जागरूक करें और जिनकी प्रक्रिया अधूरी है, उन्हें तुरंत सीडिंग और ई-केवाईसी पूरी करवाने के लिए प्रेरित करें।

लंबी कतारें और परेशान लोग

झुंझुनूं शहर से लेकर खेतड़ी, चिड़ावा, मंडावा और दूसरे कस्बों में रसद विभाग के दफ्तरों पर अफरा-तफरी का माहौल है। सुबह से ही कतारें लग जाती हैं और शाम तक लोग अपने नंबर का इंतजार करते रहते हैं। एक महिला ने बताया, “पहले आधार लिंक करवाओ, फिर ई-केवाईसी के लिए जाओ। यह सब कराने में मजदूर आदमी का पूरा दिन खराब हो जाता है।” बुजुर्गों को बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन में दिक्कत आती है, उनके फिंगरप्रिंट बार-बार फेल हो जाते हैं।

जिला रसद कार्यालय में उमड़ी महिलाओं की भीड़, फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन बार-बार फेल होने से बुजुर्गों को हो रही दिक्कतें।

गांवों से कस्बों की दौड़

गांवों में रहने वाले लाभार्थी कस्बों के रसद कार्यालयों तक पहुंचने के लिए सुबह-सुबह ही घर से निकल जाते हैं। कई लोगों का दिनभर का समय बर्बाद हो रहा है। एक किसान ने बताया, “सुबह सात बजे गांव से निकले थे, लेकिन अभी तक नंबर नहीं आया। खेत का काम भी छूट गया और गेहूं मिलने का डर अलग है।”

1 लाख लोग अब भी जोखिम में

झुंझुनूं जिले के कुल 13 लाख 8 हजार 261 लाभार्थियों में से 1 लाख 1 हजार 905 लोग अब भी ई-केवाईसी से बाहर हैं। यदि जल्द ही ये प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं तो इनको लंबे समय तक गेहूं से वंचित रहना पड़ेगा। इसका असर खासतौर पर गरीब और मजदूर परिवारों पर पड़ेगा।

प्रशासन की कोशिशें

जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए गांव-गांव में कैंप लगाने और अतिरिक्त मशीनें उपलब्ध कराने की पहल की है। विभाग का कहना है कि लक्ष्य पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास हो रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button