Bihar Election: सीटों का त्याग करने को राजी मुकेश सहनी! बिहार चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान, जानें-…

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में पार्टियों के बीच खींचतान अभी बाकी है. बिहार चुनाव में जिस बात पर सभी की नजर होती है वो है सीट शेयरिंग पर राजीनामा. ऐसे में एक पार्टी सुप्रीमो ने सीट बंटवारे पर इशारों-इशारों में हामी भर दी है.
VIP सुप्रीमो मुकेश सहनी ने आगामी बिहार चुनाव को लेकर बड़े खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा कि वे सीटों का त्याग करने को राजी हैं. आइए जानते हैं उनके इस बयान के पीछे क्या वजह है.
टिकट बंटवारे पर क्या बोले मुकेश सहनी?
मुकेश सहनी से जब टिकट बांटने के आधार पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे केवल अपने समाज के लोगों को विधायकी का टिकट नहीं देंगे क्योंकि वे अभी सक्षम नहीं हैं. पहले छोटे स्तर पर चुनाव लड़वाएंगे, उसके बाद धीरे-धीरे बड़े स्तर पर आएंगे.
बता दें कि मुकेश सहनी निषाद समाज से आते हैं, जो कि बिहार में गरीब-दलित वर्गों में गिने जाते हैं. उनका ये भी कहना है कि अगर वे सिर्फ अपनी ही जाति को टिकट देंगे तो उन पर जातिवाद का आरोप लगेगा. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “हमारे जनसंख्या के आधार पर हमारे लोगों को टिकट दिया जाएगा. अति पिछड़ा वर्ग को हम लोग 37% टिकट देंगे.”
बड़ी जाति के लोग नहीं करना चाहते काम- मुकेश सहनी
मुकेश सहनी ने कहा, “उनकी पार्टी में बड़ी जाति के लोग आकर काम नहीं करना चाहते हैं और अगर वे दोनों लड़ते हैं तो वोटों का नुकसान होगा. हमें जीत सुनिश्चित करना है तो ऐसी अवस्था में जहां जिस स्थानीय की तैयारी पहले से होती है, उस आधार पर हम सहमत हो जाते हैं और टिकट बांटने पर फैसला लिया जाता है.”
उनका कहना है कि जब तक उनकी पार्टी पूरी तरह सक्षम नहीं हो जाती तब तक उन्हें दूसरों के सहारे सीट को देखते हुए और समीकरण बैठाते हुए टिकट बांटने पर फैसला करना है. वहीं उन्होंने टिकट बेचने से साफ मना किया है. उनका कहना है कि सीट का बंटवारा उन्हें मजबूरी में करना पड़ता है.
परिवार को टिकट देने पर क्या बोले?
हालांकि उन्होंने ये अभी नहीं बताया कि वे खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन इतना जरूर कहा कि समय आने पर इसका जवाब देंगे. वहीं उन्होंने बातों-बातों में इस बात का भी इशारा कर दिया कि उनके परिवार वाले भी चुनाव लड़ सकते हैं.
ये सब कुछ उन्होंने एक निजी चैनल को दिए बयान में कहा, जहां उन्होंने ये जाहिर नहीं किया कि वे अपनी पत्नी और भाई को चुनाव में उतारेंगे या नहीं और पूरे बिहार के निषाद समाज को अपना परिवार बताते हुए सवाल का जवाब समाप्त किया.