Putin On Organ Transplant: इंसानों को 150 सालों तक जिंदा रखेंगे पुतिन-जिनपिंग! जानें क्या है वह…

चीन में बुधवार (3 सितंबर 2025) को द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ की विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया. इसमें न केवल एडवांस हथियारों का प्रदर्शन किया, बल्कि इस दौरान एक ऐसे मुद्दे पर भी बात हुई, जो मेडिकल साइंस के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को परेड के दौरान ऑर्गन ट्रांसप्लांट की मदद से ह्यूमन लाइफ को 150 साल तक बढ़ाने की संभावना पर चर्चा करते हुए सुना गया. बातचीत के दौरान उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन भी मौजूद थे.
ऑर्गन ट्रांसप्लांट से संबंधित बातचीत चीन के सरकारी प्रसारक CCTV के लाइव कवरेज में हॉट माइक पर कैद हो गई, जिसे वैश्विक स्तर पर 1.9 अरब ऑनलाइन व्यूज और 40 करोड़ टीवी दर्शकों ने देखा. पुतिन के ट्रांसलेटर को ये कहते सुना गया कि बायो टेक्नोलॉजी लगातार डेवलप हो रही है. इंसानों के ऑर्गन बेहतरीन तरीके से ट्रांसप्लांट किए जा सकते हैं. आप जितने लंबे समय तक जीवित रहेंगे, उतने ही युवा बनेंगे और यहां तक कि अमरता भी प्राप्त कर सकते हैं. इस पर शी जिनपिंग ने कहा कि कुछ लोगों का अनुमान है कि इस ट्रांसप्लांट की मदद से इंसान 150 साल तक जीवित रह सकते हैं.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की पुष्टि
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मुद्दों पर हुई बातचीत की पुष्टि की और पत्रकारों से कहा कि स्वास्थ्य सुधार के आधुनिक साधन और ऑर्गन ट्रांसप्लांट से संबंधित सर्जरी इंसानों को यह आशा देती है कि सक्रिय जीवन आज की तुलना में लंबे समय तक जारी रह सकता है.
सैन्य ताकत और वैश्विक संदेश
शी जिनपिंग ने विक्ट्री परेड के दौरान 50,000 से अधिक लोगों को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि दुनिया में शांति या युद्ध का चुनाव का करना सबसे कठिन काम है. चीन की विक्ट्री परेड में हाइपरसोनिक मिसाइल, मानवरहित नौसैनिक सिस्टम और अन्य एडवांस हथियार प्रदर्शित किए गए. इस मौके पर चीन ने खुद को न केवल आर्थिक, बल्कि सैन्य और वैज्ञानिक शक्ति के रूप में भी स्थापित करने की कोशिश की.
चीन-रूस साझेदारी और समझौते
परेड से पहले और बाद में रूस और चीन ने ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 20 से अधिक समझौते पर साइन किया. इसके अलावा एक बड़ी गैस पाइपलाइन परियोजना को हरी झंडी मिली. पुतिन का यह दौरा चीन की तरफ से आयोजित SCO शिखर सम्मेलन से भी जुड़ा था, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वैश्विक नेता शामिल हुए.
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