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Gurugram Metro Expansion: Old City to Get Connected with New Line from September 5 | गुरुग्राम…

गुरुग्राम में दौड़ती मेट्रो।- फाइल फोटो

गुरुग्राम में लंबे समय के इंतजार के बाद अब पुराने शहर को मेट्रो से जोड़ने का काम शरू होने जा रहा है। 5 सितंबर को केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल और CM नायब सिंह सैनी मेट्रो विस्तार के प्रोजेक्ट का भूमि पूजन करेंगे। इसके बाद विधिवत रूप से मेट्रो निर्माण का क

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प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई 28.5 किमी है। जो मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक 26.65 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर और बसई गांव से द्वारका एक्सप्रेसवे तक 1.85 किमी का स्पर शामिल होगा। हेमिसाइक्लिक आकार का यह मेट्रो कॉरिडोर पुराने गुरुग्राम को नए गुरुग्राम से जोड़ने के अलावा, रेजिडेंस, ऑफिस और कॉमर्शियल एरिया को जोड़ेगा। यानी सीधे तौर पर उद्योग विहार, साइबर सिटी, रेलवे स्टेशन और द्वारका एक्सप्रेसवे आपस में जुड़ जाएंगे। मेट्रो के रखरखाव संबंधी गतिविधियों की देखभाल के लिए एक डिपो की योजना बनाई गई है।

डीसी अजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गुरुवार सुबह जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक के बाद भूमि पूजन कार्यक्रम में पहुंचेंगे। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के सेक्टर-44 के सामने स्थित पार्किंग में कार्यक्रम रखा है।

GMRL भारत सरकार और हरियाणा सरकार की एक संयुक्त उद्यम (JV) कंपनी है, जिसका गठन हाल ही में दोनों सरकार के 50:50 इक्विटी अंशदान के साथ हुआ है। गुरुग्राम में मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक और द्वारका एक्सप्रेसवे तक मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण का मुख्य कार्य GMRL को सौंपा गया है। वर्तमान में आईएएस अधिकारी डी. थारा अध्यक्ष और डॉ. चंद्र शेखर खरे एमडी हैं। अब जानिए…गुरुग्राम में मेट्रो का विस्तार क्यों जरूरी और इससे 2 बड़े फायदे

ट्रैफिक जाम से राहत और आसान कनेक्टिविटी हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम मेट्रो विस्तार जरूरी है। इससे रोजाना लाखों यात्रियों को सीधी सुविधा मिलेगी। लोगों का समय बचेगा, ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और प्रदूषण में कमी आएगी। यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। गुरुग्राम मेट्रो एनएच 48 पर स्थित पुराने और नए गुरुग्राम को एकीकृत करने का प्रस्ताव रखती है। दिल्ली से कनेक्टिविटी मजबूत होगी गुरुग्राम का मेट्रो विस्तार होने से न केवल दिल्ली-गुरुग्राम का कनेक्टिविटी नेटवर्क और मजबूत होगा, बल्कि लाखों यात्रियों को प्रतिदिन सुगम और तेज सफर की सुविधा भी मिलेगी। गुरुग्राम देश-विदेश की आईटी और औद्योगिक कंपनियों का गढ़ है। मेट्रो विस्तार के बाद कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे व्यापार, निवेश और रोजगार की नई संभावनाएं खुलेंगी।

जानिए इस प्रोजेक्ट से जुड़ी 4 बातें…

28 किमी कॉरिडोर में 27 स्टेशन बनेंगे GMRL की ओर से मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक 28.05 किलोमीटर मेट्रो कॉरिडोर में 27 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जाना है। इसमें पहले चरण में मिलेनियम सिटी सेंटर से सेक्टर-9 तक निर्माण कार्य का टेंडर दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड-रंजीत बिल्डकॉन को दिया गया है। ऐसे में अब निर्माण कार्य शुरू होना है। पहले चरण में मेट्रो के सिविल वर्क के लिए 1503.63 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

पहले चरण में 15.22 किमी कॉरिडोर शुरू में 15.22 किमी का कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। जहां 14 मेट्रो स्टेशन होंगे। इसमें मिलेनियम सिटी मेट्रो स्टेशन, सेक्टर-45, साइबर पार्क, सेक्टर 47, सुभाष चौक, सेक्टर-48, सेक्टर-72 ए, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेज-6, सेक्टर-10, सेक्टर-37, बसई गांव, सेक्टर-9, बसई से द्वारका एक्सप्रेसवे (सेक्टर 101) का निर्माण कार्य शामिल है। पहले चरण का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद 30 महीने के भीतर पूरा करने का टारगेट है।

ट्रैफिक डायवर्जन किया जाएगा सिविल वर्क कांट्रेक्टर के चयन होने के बाद पुलिस ट्रैफिक डायवर्जन प्लान तैयार कर रही है, जिससे कार्य के दौरान जाम ना लगे। मेट्रो के पिलर सड़क के सेंट्रल वर्ज पर बनेंगे। ऐसे में मिलेनियम सिटी से सेक्टर-9 तक सड़क चौड़ी है और सर्विस रोड को वाहनों के लिए खोला जा सकता है। इसके अलावा अन्य रूटों का भी विकल्प दिया जा सकता है। कंपनी की मशीनरी गुरुग्राम पहुंच चुकी है।

प्रोजेक्ट पूरा होने पर 40% शहर मेट्रो से कवर होगा अभी गुरुग्राम का करीब दस फीसदी हिस्सा ही मेट्रो से कवर होता है। मेट्रो विस्तार के दोनों चरण पूरा होने और नई लाइन बनने के बाद शहर का 40 फीसदी हिस्सा मेट्रो से कवर हो जाएगा। अभी शहर में यलो लाइन दिल्ली मेट्रो की लाइन है। जबकि ग्रीन लाइन रैपिड मेट्रो की है। यलो लाइन पर 5 स्टेशन और रैपिड मेट्रो के 11 स्टेशन हैं। रैपिड मेट्रो केवल साइबर सिटी से लेकर गोल्फ कोर्स रोड पर है, जो डीएलएफ और आसपास के पॉश इलाकों को कनेक्ट करती है।

मेट्रो का जाल इस तरह बिछाया जाएगा। साभार- गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (GMRL)

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