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11 deaths in 8 months due to seasonal diseases in the district, 0 in records; Malaria, scrub…

चिकित्सा विभाग मौतें छिपाने से बाज नहीं आ रहा। जिले में जनवरी से अगस्त तक मलेरिया, स्क्रब टाइफस और डेंगू से एक भी मौत रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। जबकि अकेले स्क्रब टाइफस से 7 और मलेरिया-डेंगू से 4 मौतें हो चुकी हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्टों में मौतों के क

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विभाग की नजर में जिले में 1 जनवरी, 2024 से इस साल अगस्त तक 496 लोग मलेरिया पॉजिटिव, जबकि 1317 डेंगू पॉजिटिव मिले हैं। स्क्रब टाइफस के 632 में से 2 मरीजों की मौत हुई है। यही मौतें पिछले साल दर्ज हैं। चिकनगुनिया के 335 मामले दर्ज हुए। इस साल जापानी इन्सेफलाइटिस का एक भी केस नहीं है। पिछले साल 4 मरीज थे। इस साल जुलाई तक 674 सैंपल में से सिर्फ एक मरीज कोविड पॉजिटिव मिला है। इधर 13 कंट्रोल रूम और 152 रेपिड रिस्पॉन्स टीमें बनाई गई है। स्क्रब टाइफस की रोकथाम के लिए डोर-टू-डोर सर्वे जारी है।

हालात: गोगुंदा में 1 माह में 9 मौतें, 5 स्वीकारी, रिकॉर्ड में नहीं

सवाल पर सीएमएचओ डॉ. एसएल बामनिया पहले बोले- मैंने 2 दिन पहले ही पदभार संभाला है, इसलिए जानकारी जुटानी पड़ेगी। फिर गोगुंदा में हाल ही हुई 9 में से 5 मौतें मौसमी बीमारियों से होना स्वीकारा, लेकिन ये रिकार्ड में नहीं हैं। डॉ. बामनिया ने 4 मौतें दूसरे कारणों से होना बताईं। दूसरी तरफ सच ये भी है कि अभी गोगुंदा के पड़ावली क्षेत्र स्थित लांबी सेमाल, पदमवाड़ी, नयावास गांवों में 8 टीमें डेरा डाले हैं।

डिप्टी सीएमएचओ, आईडीएसपी टीम, बीसीएमओ, बीपीओ और पीएचसी पड़ावली के चिकित्सा अधिकारी टीमों के साथ घर-घर दौड़ रहे हैं। पीएचसी पड़ावली को 24 घंटे सेवाएं देने के निर्देश हैं। 9 मौतें भी इन्हीं गांवों में 6 जुलाई से 7 अगस्त के बीच हुई थीं।

इधर, एमबी अस्पताल में बीते 3 महीनों में ओपीडी में 4 लाख 18 हजार 429 लोग उपचार के लिए पहुंचे है। आईपीडी यानी भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 30 हजार 586 है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन का कहना है कि मौसमी बीमारियों के गंभीर मरीजों को भर्ती कर समय पर उपचार किया है। प्रयास यही है कि कहीं भी बीमारियां न फैलें।

  • गोगुंदा में स्क्रब टाइफस से फतालाल, मोटाराम, लाडूराम मीणा, जबकि मलेरिया के कारण 1 से 10 साल के 6 बच्चों की मौत।

टीमें लगाई हैं “पड़ावली पंचायत में 52 गांव हैं। वहां 5 मौतें मौसमी बीमारियों से होना प्राथमिक तौर पर लग रहा है। बाकी 4 मौतें दूसरी लंबी बीमारियों से हुई है। टीमें एहतियातन भेजी हैं।”

-डॉ. शंकर बामनिया, सीएमएचओ

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