राज्य

11 deaths in police custody in the state in 8 months, CCTV footage not provided, excuses-…

पुलिस मारपीट से अस्पताल में भर्ती पीड़ित से मिलने पहुंचे पूर्व सांसद।

प्रदेश में 2025 के 8 महीने के अंदर पुलिस हिरासत में 11 मौतें हो गई हैं। उदयपुर संभाग में 7 मौतें हुई हैं। अगस्त में राजसमंद जिले के कांकरोली थाने और उदयपुर जिले के ऋषभदेव थाने में दो सर्राफा व्यापारियों की मौत हुई। सभी केस में आरटीआई के तहत सूचना मां

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थानों में मौतें व आरोपी के साथ क्रूरता नहीं हो, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर सूचना आयोग तक के आदेश आ चुके हैं, जिसमें कहा गया है कि सीसीटीवी गोपनीयता के लिए नहीं बल्कि थाने में निष्पक्षता, पारदर्शिता के लिए है। हाल ही हुई घटनाओं में सर्राफा व्यापारियों को चोरी के जेवर खरीदने के आरोप लगाकर पूछताछ करने के लिए लाया गया था। कांकरोली में मृतक खूबचंद भीलवाड़ा और ऋषभदेव में मृतक सुरेश पांचाल डूंगरपुर जिले का रहने वाला था। चारों जिलों में तीन दिनों तक धरना-प्रदर्शन हुए।

औपचारिकता में मुआवजे और कुछ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर इतिश्री कर ली जाती है। मौत के वास्तविक दोषियों को कभी सजा नहीं मिलती है। आरटीआई एक्टिविस्ट जयवंत भैरविया ने बताया कि पहली बात ताे पुलिस सीसीटीवी देती नहीं है। थानों में ऐसी जगह रिमांड रूम होते हैं, जहां कैमरे की नजर नहीं जाती है।

कब किसकी किस थाने में हुई माैत, फुटेज मांगा ताे पुलिस ने यह किए बहाने

1. कांकरोली थाना (राजसमंद): अगस्त-2025 में खूबचंद की मौत जवाब: विधि अनुसार उपलब्ध कराएंगे। 2. ऋषभदेव पुलिस थाना: अगस्त-2025 में सुरेश पंचाल की मौत जवाब: जानकारी नहीं दे सकते 3. थाना गोगुंदा (उदयपुर): मई 2025 में सुरेंद्र देवड़ा की मौत जवाब: सीसीटीवी उपकरण पुराना होने से स्टोरेज नहीं है। 4. अलवर सदर थाना: जुलाई 2025 में अंकित सैनी की मौत जवाब- रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं 5. खेतड़ी थाना (झुंझुनूं): अप्रैल-2025 में पप्पूराम मीणा की मौत। (पूरा थाना लाइन हाजिर हुआ था) जवाब: जांच चल रही है, इसलिए सीसीटीवी फुटेज नहीं दे सकते। 6.परसाद थाना (सलूंबर): मार्च-2023 में अर्जुन मीणा की मौत जवाब: सीसीटीवी उपलब्ध नहीं हैं, बेकअप नहीं है। 7.सुखेर थाना: (उदयपुर): नवंबर-2024 में तेजपाल मीणा की मौत जवाब: सीसीटीवी तकनीकी कारणों से खराब (जबकि स्टेट क्राइम रिपोर्ट में यहां के सीसीटीवी खराब की कोई रिपोर्ट नहीं हैं)

इनसे हुई गंभीर मारपीट, अस्पताल में भर्ती रहे

  • खेरवाड़ा थाना: मई-2025 को अभिषेक मीणा से मारपीट, अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। जबाव-जानकारी नहीं दे सकते।
  • आमेट थाना: मोजीराम के साथ मारपीट, अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। जवाब-सीसीटीवी डिलीट हो गए।

सीसीटीवी को लेकर सूचना आयोग व काेर्ट के बड़े फैसले

1.सुप्रीम कोर्ट का आदेश: परमवीर सैनी बनाम बलजीत प्रकरण मेंं कोर्ट ने कहा कि पुलिस थाने में कैमरे लगें और 18 महीने तक फुटेज रखना जरूरी है। हिरासत में हो रही मौत और क्रूरता को लेकर सीसीटीवी हर किसी को देना जरूरी है। यह फैसला 2020 में आया था।

2.सूचना आयोग के फैसले

  • 1-आरूषि जैन बनाम एडि.एसपी सुखेर थाना के मामले को लेकर आयोग ने कहा कि सीसीटीवी पुलिस थाने या सरकारी कार्यालय के बाहर गोपनीयता के लिए नहीं हैं, बल्कि पारदर्शिता, निष्पक्षता के लिए है, इसलिए सीसीटीवी फुटेज देना जरूरी है।
  • 2-लक्ष्मी देवी बनाम एडि.एसपी, प्रतापनगर, उदयपुर को लेकर आयोग ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज आवेदक को देना जरूरी है।

पुलिस के बहाने

8. श्रीगंगानगर (राजियासर थाना) जून-2025 में मोहन सिंह की संदिग्ध हालत में मौत। 9. जयपुर (सदर थाना) जून-2025 में बाइक चोरी के आरोपी ने आत्महत्या की। 10. भरतपुर (उद्योग नगर थाना) जुलाई 2025 में नाबालिक को भगाने के आरोपी गब्बर सिंह की मौत। 11. कोटा थाना जुलाई 2025 में कोटा थाना लोकेश सुमन की मौत। एसएचओ सहित 23 पुलिसकर्मी निलंबित किए।

“उदयपुर संभाग में पुलिस हिरासत में हाल में दो मौतें हुई हैं। दोनों ही मामलों में सीसीटीवी फुटेज पुलिस के पक्ष के हैं। इसी के आधार पर पुलिस ने परिजनों को संतुष्ट किया था। एविडेंस के तौर पर सारी चीजें न्यायालय में निश्चित तौर पर जमा करवानी पड़ती है।आरटीआई मामले में अगर किसी स्थानीय अधिकारी ने सीसीटीवी फुटेज नहीं दिए हैं तो आगे अपील की जा सकती है।” -गौरव श्रीवास्तव, आईजी, उदयपुर रेंज

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