Officials should find a permanent solution to the problem of destitute cattle roaming in the…

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शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में घूम रहे निराश्रित गोवंश की समस्या को लेकर बुधवार को जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिला स्तरीय अधिकारियों को इन गोवंशों की समस्या के स्थाई समाधान के निर्देश दिए गए।
नगर परिषद को इन्हें चिन्हित कर तत्काल गोशालाओं व नंदी शालाओं में स्थानांतरित करने के निर्देश िदए हैं। इन क्षेत्रों को निराश्रित गोवंश मुक्त घोषित करने की दिशा में प्रभावी कार्रवाई करने को कहा। साथ ही पंचायती राज विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय समितियां गठित कर ग्राम पंचायत स्तर पर निगरानी और नियोजन करने के निर्देश मिले हैं।
वहीं सार्वजनिक निर्माण विभाग व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को राजमार्गों के किनारों पर अवरोधक व चेतावनी बोर्ड लगाने और कैटल कैचर वाहनों की सहायता से गोवंश को सुरक्षित तरीके से पास की अनुदानित गोशालाओं में भिजवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। पुलिस व यातायात विभाग को स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को इस कार्य में आवश्यक सहयोग व सुरक्षा उपलब्ध कराने तथा पशुपालन व गोपालन विभाग को ये सुनिश्चित करने को कहा कि यदि कोई गोशाला निराश्रित गोवंश को लेने से मना करती है, तो पहली बार में एक माह, दूसरी बार में तीन महीने और तीसरी बार मना करने पर एक साल तक सहायता राशि से वंचित करने की कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा रोगी व दुर्घटनाग्रस्त गोवंश को तुरंत चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इस दौरान एडीएम रतन कुमार, जिला परिषद सीईओ राजपाल यादव, पशुपालन संयुक्त निदेशक डॉ. राजेंद्र कृष्ण काला, पुलिस उपाधीक्षक लाल सिंह यादव, सहायक निदेशक पूरणमल, अधिशाषी अभियंता सुधीर कुमार, नगर परिषद से प्रतिभा चौधरी मौजूद रहे।