राष्ट्रीय

10 एकड़ में फैली, 500 करोड़ में बनकर तैयार… जगन मोहन रेड्डी की हवेली देखकर इमोशनल क्यों हो गए…

आंध्र प्रदेश की राजनीति में इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का एक कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम में स्थित रुसी कोंडा पहाड़ी पर अपने लिए आलीशान सी-फेसिंग हवेली बनवाई थी. जो उनके कार्यकाल के खत्म होने के बाद से बंद पड़ी थी.

जगन मोहन रेड्डी ने इस हवेली को लुसी कोंडा पहाड़ी की सरकारी जमीन पर 500 करोड़ की लागत से बनवाया था. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री ने इस हवेली को 2024 में विधानसभा चुनाव में जीतने और फिर से सत्ता में कायम होने के बाद अपने आवास और कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल के लिए बनवाया था. लेकिन यह आलीशान हवेली रेड्डी के लिए लक्की साबित नहीं हुई और इसके गृह प्रवेश से पहले ही राज्य के विधानसभा चुनाव में रेड्डी की राजनीति का सूरज डूब गया और वो चुनाव हार गए.

हालांकि, इस आलीशान सी-फेसिंग हवेली के पट तब खुले जब राज्य में सत्ता बदली. जब तक राज्य में जगन मोहन रेड्डी की सत्ता थी, तब तक इस आलीशान हवेली के निर्माण का पूरी तरह से खुलासा नहीं हुआ था. लेकिन टीडीपी को यह जानकारी जरूर थी कि रेड्डी कुछ ऐसा जरूर कर रहे हैं, जिसे बवाल हो जाए. जब आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता में आए, तब उन्होंने इस हवेली के दरवाजे खुलवाए. हवेली के पट्ट खुलने के बाद जिसने भी इसे देखा, वो दंग रह गया.

10 एकड़ में फैली है आलीशान हवेली

इस शानदार हवेली का निर्माण 10 एकड़ क्षेत्र में चार ब्लॉक में तैयार किया गया है. इस हवेली में डेकोरेशन की बात करें, तो इसमें लाखों रुपये के कई झूमर लगाए गए थे. इसके अलावा, बेड से लेकर कमोड तक सब इंपोर्टेड थे, जो जगन मोहन रेड्डी ने सरकारी पैसे से सरकारी जमीन पर सरकारी इस्तेमाल के लिए बनवाया था. इसलिए अब इस हवेली पर पूर्ण रूप से राज्य सरकार का अधिकार है.

पवन कल्याण को पसंद आ गई सी-फेसिंग हवेली

2024 में आंध्र प्रदेश में सत्ता परिवर्तन और जगन मोहन रेड्डी की सरकार के गिरने के बाद से यह हवेली पिछले एक साल से बंद पड़ी थी. एक साल से बंद हवेली में जब सीलन पड़ने लगी तब मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के मन में लड्डू फूटने लगे.

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इस आलीशान हवेली को लेकर कहा कि जब इतने पैसा लगे हैं तो इसका कोई तो इस्तेमाल होना ही चाहिए. यहां तक कि कुछ दिनों पहले पवन कल्याण खुद हवेली को देखने के लिए गए थे. जब पवन कल्याण ने सालभर से बंद पड़ी हवेली देखी, तो वे इमोशनल हो गए. हवेली का प्लास्टर उखड़ रहा था, दीवारों में सीलन आ चुकी थी.

राज्य सरकार ने हवेली के लिए बनाया मंत्रियों का समूह

जिसके बाद इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि 500 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस हवेली का किसी के तो इस्तेमाल में लाना चाहिए. इसके बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मंत्रियों का एक समूह बनाया, जो सरकार को यह सुझाव दे सके कि 500 करोड़ रुपये की लागत से बनी इतनी महंगी सी-फेसिंग हवेली का किस तरह से इस्तेमाल किया जा सके.

यह भी पढ़ेंः US Tariffs: ट्रंप लगा रहे टैरिफ, भारत कर रहा नई डील की बात, आखिर चल क्या रहा है?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button