लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने भगवान गणेश की उतारी आरती, सुख-शांति का मांगा आशीष

गणेशोत्सव की भव्यता और परंपरा के बीच बुधवार (3 सितंबर, 2025) को महाराष्ट्र के पुणे का ऐतिहासिक श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल एक विशेष अवसर का साक्षी बना. दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने यहां आकर भगवान गणेश की आरती उतारी और भक्तों के बीच शुभकामनाओं का संदेश साझा किया.
उन्होंने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि पुणे में गणेशोत्सव के समय आना उनके लिए सौभाग्य की बात है. लगातार दूसरे वर्ष इस मंडल में आकर आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर उन्हें मिला है. लेफ्टिनेंट जनरल सेठ ने कहा, ‘गणपति बप्पा सभी की रक्षा करें, सबको सुख-समृद्धि प्रदान करें और हर कोई अपने-अपने क्षेत्र में प्रगति करे.’
लेफ्टिनेंट जनरल के इस संदेश ने वहां उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच गहरा प्रभाव छोड़ा. भीड़ में मौजूद लोगों ने इसे पुणे के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया और कहा कि सेना और समाज के बीच इस तरह का जुड़ाव विश्वास और एकता को और मजबूत बनाता है.
सिर्फ धार्मिक नहीं ऐतिहासिक है श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल का महत्व
श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल का महत्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक भी है. 1892 में स्थापित यह मंडल पुणे का पहला सार्वजनिक गणपति मंडल माना जाता है. लोकमान्य तिलक के सार्वजनिक गणेशोत्सव आंदोलन को दिशा देने में इस मंडल का बड़ा योगदान रहा है. आज भी यह मंडल पुणे की सांस्कृतिक धरोहर और सामूहिक आस्था का प्रतीक माना जाता है.
केवल औपचारिकता नहीं है ले. जनरल सेठ की पुणे यात्रा
लेफ्टिनेंट जनरल सेठ की मौजूदगी ने इस ऐतिहासिक परंपरा को और गरिमा प्रदान की. स्थानीय नागरिकों का कहना था कि सेना के उच्च अधिकारी का यह दौरा केवल औपचारिकता नहीं बल्कि समाज और नेतृत्व के बीच एक गहरा रिश्ता है.
गणेशोत्सव जैसे पर्व यह साबित करते हैं कि धार्मिक आयोजन केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे समाज को जोड़ने, विश्वास जगाने और सकारात्मक संदेश फैलाने का माध्यम भी बनते हैं. लेफ्टिनेंट जनरल सेठ की पुणे यात्रा ने यही दर्शाया कि आस्था और नेतृत्व साथ मिलकर समाज को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दे सकते हैं.
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