उम्रकैद की सजा, 6 हफ्ते की पैरोल और फिर फरार… 6 साल बाद कंबोडिया से भारत लाया गया हरियाणा का…

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हरियाणा पुलिस, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय की मदद से कुख्यात अपराधी मैनपाल ढिल्ला उर्फ मैनपाल बादली को कंबोडिया से भारत वापस लाने में सफलता हासिल की है. मैनपाल को मंगलवार (2 सितंबर, 2025) को भारत की टीम कंबोडिया से लेकर आई. मैनपाल जिसे मैनपाल बादली और सोनू कुमार के नाम से भी जाना जाता है. ये अपराधी हरियाणा पुलिस के कई मामलों में वांटेड था. साल 2013 में उसे हत्या, हत्या की कोशिश, अवैध हथियार रखने और आपराधिक साजिश जैसे मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा उसे दो और मामलों में भी दोषी ठहराया जा चुका था.
जेल से पैरोल पर आया बाहर, फिर हो गया फरार
जेल में सजा काटते वक्त उसे 17 जुलाई, 2018 को हिसार सेंट्रल जेल से 6 हफ्ते की पैरोल दी गई थी. उसे 29 अगस्त, 2018 तक वापस लौटना था, लेकिन वो जेल नहीं लौटा और फरार हो गया. हरियाणा पुलिस की मांग पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इंटरपोल के जरिए उसके खिलाफ रेड नोटिस 6 नवंबर 2024 को जारी करवाया. जांच में पता चला कि वो थाईलैंड से कंबोडिया पहुंचा और वहां उसने फर्जी पासपोर्ट बनवाकर सोनू कुमार नाम से रहना शुरू कर दिया. इसके बाद CBI ने इंटरपोल चैनल्स के जरिए कंबोडिया से उसकी गिरफ्तारी की मांग की.
कंबोडिया की एजेंसियों ने गिरफ्तारी की दी सूचना
24 जुलाई, 2025 को कंबोडिया की एजेंसियों ने भारत को कुख्यात अपराधी मैनपाल ढिल्ला उर्फ मैनपाल बादली की गिरफ्तारी की सूचना दी और बाद में उसे भारत को सौंपने का फैसला किया. इसके बाद हरियाणा पुलिस की एक टीम कंबोडिया पहुंची और उसे भारत लेकर आई. सीबीआई ने कहा कि इंटरपोल के रेड नोटिस को दुनिया भर की एजेंसियों के साथ साझा किया जाता है ताकि वांटेड अपराधियों को पकड़ा जा सके. पिछले कुछ सालों में 100 से ज्यादा अपराधियों को इसी तरह इंटरपोल चैनल्स की मदद से भारत लाया गया है.
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